Begin typing your search...

Nepal Gen Z protests: भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, थम नहीं रहा बवाल; काठमांडू में भारतीय दूतावास पर सेना तैनात

भारत‑नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. नेपाल में सोशल मीडिया बैन, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर युवाओं का आंदोलन उग्र हो गया, जिससे प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने इस्तीफा दिया. हिंसा के बाद भारत ने सीमा पर सख्त निगरानी शुरू की और काठमांडू में भारतीय दूतावास की सुरक्षा के लिए सेना तैनात की. नागरिकों को सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है.

Nepal Gen Z protests: भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, थम नहीं रहा बवाल; काठमांडू में भारतीय दूतावास पर सेना तैनात
X
( Image Source:  ANI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 10 Sept 2025 3:58 PM

भारत ने नेपाल में हिंसक प्रदर्शन बढ़ने के बाद अपनी नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है. नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर युवाओं का आंदोलन उग्र हो गया है, जिससे प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा. प्रदर्शन के दौरान कई सरकारी इमारतें जला दी गईं और पुलिस व सेना के साथ झड़पें हुईं. भारत ने आशंका जताई है कि ये घटनाएं सीमा पार फैल सकती हैं, इसलिए सीमा पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.

भारत और नेपाल के बीच 1,751 किमी लंबी सीमा है, जो उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है. 1950 की भारत‑नेपाल शांति एवं मैत्री संधि के तहत दोनों देशों के नागरिकों और सामान की आवाजाही को आसानी दी गई थी. लेकिन वर्तमान परिस्थिति में सीमा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

सीमा पर कड़ी निगरानी

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) के गौरिफंटा बॉर्डर पर पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने नेपाली नागरिकों के भारत में प्रवेश पर रोक लगा दी है. वहीं भारत के नागरिकों को अपने घर लौटने की अनुमति दी जा रही है. इसी तरह नेपाल ने भारतीय नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगाई है. लेकिन जो नेपाली नागरिक भारत में काम कर रहे हैं या यात्रा कर रहे हैं, उन्हें लौटने दिया जा रहा है.

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में पनितंकी बॉर्डर पर व्यापार प्रभावित हुआ है. ट्रकों की लंबी कतारें लगी हैं और व्यापार आंशिक रूप से बंद है. क्षेत्र के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश ने कहा, “यहां पुलिस चौकी स्थापित की गई है. हम हर समय सतर्क हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.” उत्तराखंड, बिहार और अन्य सीमावर्ती इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

काठमांडू में भारतीय दूतावास की सुरक्षा

नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुई हिंसा के बाद भारत ने दूतावास की सुरक्षा बढ़ाते हुए सेना तैनात कर दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों से सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी है. मंत्रालय ने कहा, “हम नेपाल में उत्पन्न स्थिति पर गहरी चिंता जताते हैं. हम सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और समस्याओं का समाधान संवाद और शांतिपूर्ण उपायों से करने की अपील करते हैं. काठमांडू समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है. भारतीय नागरिक नेपाल में स्थानीय प्रशासन की दिशा-निर्देशों का पालन करें.” वहीं नेपाल में अधिकांश हवाई अड्डे बंद हैं, जिससे दोनों देशों के बीच हवाई यात्रा भी स्थगित कर दी गई है.

नेपाल में हालात

नेपाल में पिछले कुछ महीनों से आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता ने युवाओं को निराश कर दिया था. सोशल मीडिया पर प्रतिबंध ने इस आक्रोश को और बढ़ा दिया. सोमवार को प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया, और पुलिस कही कार्रवाई में 19 लोग मारे गए. तीन पुलिसकर्मी भी मारे गए. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सरकारी दफ्तर और राजनीतिक दलों के कार्यालयों में आग लगा दी.

प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली का इस्तीफा भी आंदोलन को शांत नहीं कर सका. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और विकास में गिरावट के मुद्दों पर ठोस कदम उठाए. हिंसा की आशंका के चलते बुधवार को नेपाल सेना ने पूरे देश में प्रतिबंध और कर्फ्यू लागू कर दिया. काठमांडू सहित प्रमुख शहर वीरान हो गए हैं और सेना सड़कों पर गश्त कर रही है.

दोनों देशों की चिंता

भारत के लिए नेपाल में बढ़ती अशांति चिंता का विषय है. सीमा पर तनाव बढ़ने से व्यापार प्रभावित हो सकता है, नागरिकों की आवाजाही रुक सकती है और सुरक्षा चुनौतियां बढ़ सकती हैं. भारतीय सरकार लगातार स्थिति पर नजर रख रही है. नेपाल में प्रदर्शन कर रहे युवाओं का कहना है कि वे भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. उनका मानना है कि सोशल मीडिया पर प्रतिबंध ने अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचल दिया है. वहीं सरकार की कोशिश है कि कर्फ्यू और सेना की तैनाती से स्थिति पर नियंत्रण पाया जाए.

हालात अभी तनावपूर्ण हैं, लेकिन दोनों देशों के प्रशासन संवाद और संयम पर बल दे रहे हैं. भारत ने अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है, जबकि नेपाल में सेना और प्रशासन प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच पुराने रिश्तों को देखते हुए उम्मीद है कि संकट शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाएगा.

नेपाल
अगला लेख