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'हैलो चाचा' हम बोल रहे हैं! मिलिए उस महिला प्रधानमंत्री से जिसने एक कॉल के लिए गवा दी PM की कुर्सी, क्या अब होगी जेल?

थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को एक विवादित फोन कॉल के चलते संवैधानिक अदालत ने पीएम पद से निलंबित कर दिया है. कॉल में उन्होंने कंबोडियाई नेता हुन सेन को 'चाचा' और एक थाई सैन्य अधिकारी को 'विरोधी' कहा, जिससे राजनीतिक भूचाल आ गया. अदालत अब इस मामले की जांच कर रही है और फैसला लंबित है.

हैलो चाचा हम बोल रहे हैं! मिलिए उस महिला प्रधानमंत्री से जिसने एक कॉल के लिए गवा दी PM की कुर्सी, क्या अब होगी जेल?
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 1 July 2025 9:22 PM

थाईलैंड की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. देश की प्रधानमंत्री पेतोंगटार्न शिनावात्रा को संवैधानिक अदालत ने 1 जुलाई से तत्काल प्रभाव से पद से निलंबित कर दिया है. 38 वर्षीय पेतोंगटार्न, देश की एक प्रभावशाली राजनीतिक विरासत की वारिस मानी जाती हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में पड़ोसी देश कम्बोडिया के साथ हुए कूटनीतिक विवाद के दौरान मंत्री आचरण संहिता का उल्लंघन किया.

क्या है पूरा मामला?

पेतोंगटार्न शिनावात्रा पर यह कार्रवाई एक लीक हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग के बाद शुरू हुई, जिसमें वह कम्बोडिया के वरिष्ठ नेता हुन सेन को 'अंकल' और एक थाई सैन्य कमांडर को 'विरोधी' कहती सुनी गईं. यह बयान उस समय आया जब मई महीने में थाई-कम्बोडियाई सीमा पर संघर्ष में एक कम्बोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी. उनके इस बयान से थाईलैंड के रूढ़िवादी हलकों और सैन्य समर्थकों में गुस्सा फैल गया.

अदालत का निर्णय

थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने 7-2 के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि संवैधानिक अदालत बहुमत से निर्णय लेती है कि प्रतिवादी को 1 जुलाई से प्रधानमंत्री के कर्तव्यों से निलंबित किया जाता है, जब तक कि अंतिम फैसला नहीं आ जाता.

विरासत और विवाद

पेतोंगटार्न शिनावात्रा को अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था, जब उनके पूर्ववर्ती सरेठा थाविसिन को भी इसी तरह की अदालत कार्यवाही के बाद पद से हटाया गया था. पेतोंगटार्न की नियुक्ति को शिनावात्रा परिवार की सत्ता में वापसी के तौर पर देखा गया, जिनके पिता थाक्सिन शिनावात्रा और चाचा यिंगलक शिनावात्रा पहले ही देश की शीर्ष सत्ता में रह चुके हैं.

राजनीतिक अस्थिरता का एक और अध्याय

थाईलैंड पहले ही वर्षों से पॉपुलिस्ट नेताओं और राजशाही-मिलिट्री गठजोड़ के बीच संघर्ष से जूझता आया है. पेतोंगटार्न का निलंबन इस अंतर्विरोध को और गहरा करता दिख रहा है. इस घटनाक्रम के बाद देश में फिर से सत्ता को लेकर अनिश्चितता और अस्थिरता के बादल मंडरा रहे हैं.

पायतोंगटार्न शिनावात्रा थाईलैंड की राजनीति में तेजी से उभरी एक प्रभावशाली नेता हैं, जो देश के सबसे चर्चित राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वे पूर्व प्रधानमंत्री थाक्सिन शिनावात्रा की बेटी और यिंगलक शिनावात्रा की भतीजी हैं. पायतोंगटार्न ने अपने करियर की शुरुआत कॉर्पोरेट क्षेत्र से की थी लेकिन 2021 में औपचारिक रूप से राजनीति में कदम रखा.

उन्होंने फ्यू थाई पार्टी (Pheu Thai Party) के बैनर तले चुनाव लड़ा, जो उनके पिता की पुरानी पार्टी का नया अवतार है. अगस्त 2024 में, वे थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनीं और इस तरह शिनावात्रा परिवार की सत्ता में वापसी हुई थी हालांकि 1 जुलाई को एक कॉल लीक होने की वजह से उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटा दिया गया है. आगे बता दे रही कि थाइलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री युवा, तेज-तर्रार और सोशल मीडिया पर सक्रिय नेता के रूप में पहचानी जाती हैं.

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