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पृथ्वी के अंदर से रिस रहा है सोना! नई रिसर्च में हुआ खुलासा, खुद वैज्ञानिक भी हैरान

हवाई ज्वालामुखी चट्टानों के एक स्टडी से पता चलता है कि पृथ्वी के कोर से सोना और अन्य कीमती मेटल्स सतह पर लीक हो रही हैं. जैसे कि रूथेनियम, धातु कोर में फंसी हुई हैं, जो 3,000 किमी की ठोस चट्टान के नीचे दबी हुई हैं.

पृथ्वी के अंदर से रिस रहा है सोना! नई रिसर्च में हुआ खुलासा, खुद वैज्ञानिक भी हैरान
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रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 27 May 2025 7:40 PM

एक हालिया जियोलाजिकल स्टडी में साइंटिस्ट्स ने पृथ्वी के आंतरिक रहस्यों से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. यह रिसर्च जर्मनी के गॉटिंगन यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स द्वारा किया गया और बड़ा साइंटिस्ट जर्नल "नेचर" में पब्लिश हुआ. स्टडी के अनुसार, पृथ्वी के कोर से सोना (Gold) और रूथेनियम (Ruthenium) जैसी कीमती धातुएँ लावा के माध्यम से सतह तक पहुंच रही हैं. यह खोज हवाई (Hawaii) की ज्वालामुखीय चट्टानों पर किए गए आइसोटोपिक एनालिसिस के आधार पर की गई, जिसने जियोलॉजी की दुनिया में एक नई दिशा की ओर इशारा किया है.

कोर में छिपा 99.99% कीमती खजाना

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पृथ्वी के निर्माण (लगभग 4.5 अरब वर्ष पहले) के बाद से 99.99% से अधिक सोना और अन्य कीमती मेटल्स प्लेनेट के कोर में बंद हैं. यह कोर पृथ्वी की सतह से लगभग 3,000 किलोमीटर नीचे, एक घनी और ठोस चट्टान की परत के नीचे स्थित है. लंबे समय से वैज्ञानिक मानते आ रहे थे कि ये मेटल्स कोर में स्थायी रूप से फंसी हुई हैं और सतह तक नहीं पहुंच सकती.

कैसे हुआ खुलासा?

गॉटिंगन यूनिवर्सिटी की टीम ने हवाई की ज्वालामुखीय चट्टानों के नमूनों का एनालिसिस किया. इसके लिए उन्होंने उन्नत आइसोटोपिक तकनीकों का उपयोग किया और एक खास समस्थानिक (Isotope) — Ruthenium-आइसोटोप — की मात्रा को मापा. साइंस की भाषा में, उन्होंने पाया कि इस समस्थानिक का लेवल चट्टानों में असामान्य रूप से ऊंचा था, जो सामान्य मेंटल की तुलना में पृथ्वी के कोर में अधिक पाया जाता है. इसका अर्थ है कि ये चट्टानें बहुत गहराई, यानी कोर-मेंटल सीमा के पास से निकली हैं.

वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया

इस चौंकाने वाली खोज पर टिप्पणी करते हुए प्रमुख शोधकर्ता डॉ. निल्स मेसलिंग ने कहा, 'जब हमें शुरुआती डेटा मिले, तो हम सचमुच चौंक गए. हमें लगा जैसे हमें सच में सोना मिल गया हो! हमारे निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं कि पृथ्वी के भीतर से सोना और अन्य कीमती मेटल्स रिसकर सतह तक पहुंच रही हैं.' वहीं सह-लेखक प्रो. मैथियास विलबोल्ड ने बताया कि हमारी स्टडी यह स्पष्ट करता है कि पृथ्वी का कोर उतना अलग नहीं है जितना पहले समझा जाता था. अब हम यह सिद्ध कर सकते हैं कि कोर-मेंटल इंटरफ़ेस से उत्पन्न सुपरहीटेड सब्सटांस, जिसकी मात्रा सैकड़ों क्वाड्रिलियन मीट्रिक टन हो सकती है जो सतह तक उठकर हवाई जैसे द्वीप बनाते हैं.'

कोर से सोने की रिसाव प्रक्रिया?

हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि यह प्रक्रिया पूरी पृथ्वी के इतिहास में लगातार चलती रही है या केवल कुछ विशेष समयों में ही हुई. लेकिन इस रिसर्च से यह जरूर स्पष्ट होता है कि कोर और मेंटल के बीच सक्रिय संवाद है, और यह पृथ्वी की आंतरिक संरचना की समझ में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है.

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