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भूकंप के 30 झटकों से हिला रूस, US-जापान समेत कई देशों में सुनामी; 14000 परमाणु बमों के फटने पर होता है ऐसा; देखें 10 Videos

रूस के कामचटका में 30 जुलाई को 8.8 तीव्रता का भूकंप आया. भूकंप के कारण जापान और चीन समेत उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में सुनामी आ गई. जबकि अमेरिका के अलास्का, हवाई और न्यूजीलैंड के दक्षिण में इसकी चेतावनी जारी की गई है. 1952 के बाद कामचटका में सबसे शक्तिशाली भूकंप आया, तो जापान में 2011 के बाद सबसे खतरनाक भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.

भूकंप के 30 झटकों से हिला रूस, US-जापान समेत कई देशों में सुनामी; 14000 परमाणु बमों के फटने पर होता है ऐसा; देखें 10 Videos
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Tsunami: बुधवार को रूस के कामचटका में आये 8.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आये सुनामी की वजह से 14 साल के बाद फिर से रूस और जापान दहशत में है. अब रूस, जापान और अमेरिका पर भी सुनामी का खतरा मंडराने लगा है. अमेरिका में हवाई की राजधानी होनोलूलू में सुनामी की चेतावनी के सायरन बजने लगे और लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया.

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार लगभग 30 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी की पहली लहर होक्काइडो के पूर्वी तट पर स्थित नेमुरो तक पहुंच गई. यह भूकंप रूसी शहर पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 119 किलोमीटर दूर आया. इस शहर की आबादी 1,80,000 है.

लोगों से समुद्र के किनारे न जाने की अपील

रूस के कमचटका प्रायद्वीप के कास्पियन तट से लगभग 144 किलोमीटर दूर की गहराई में 8.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. इसके पहले एक 6.7 और 5 तीव्रता का झटका भी आया था. कुल मिलाकर अब तक 30 से ज्यादा बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. USGS ने 300 किलोमीटर के दायरे में खतरनाक सुनामी तरंगों की चेतावनी जारी की है. रूस की आपात मंत्रालय ने तटीय क्षेत्रों में “किसी भी हालत में समुद्र किनारे लोगों से न जाने की अपील की है.

भूकंप और सुनामी ने दिलाई 2004 की आपदा की याद

रूस में 30 जुलाई 2025 को आए 8.8 तीव्रता वाले भूकंप और उसके बाद सुनामी की वजह से पूरी दुनिया थर्रा गई है. रूस में अब तक 30 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए है. तबाही से उत्पन्न आपदा ने एक बार फिर 2004 की आपदा की याद दिला दी है. 26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आए 9.1-9.3 तीव्रता के भूकंप से पैदा सुनामी ने मानवता को हिलाकर रख दिया था. इस आपदा को बॉक्सिंग डे सुनामी के नाम से जाना जाता है.

साल 2004 के भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के पास समुद्र तल में था जिस कारण पूरा समंदर हिल गया. इस भूकंप से आई सुनामी के कारण समुद्र में 30 मीटर ऊंची लहरें उठीं. इससे हिंद महासागर के तटीय क्षेत्र तबाह हो गए. इस त्रासदी की जद में भारत सहित 14 देश आए थे. इंडोनेशिया, श्रीलंका, भारत, थाईलैंड और मालदीव सबसे ज्यादा तबाही मची. आपदा में करीब 2.30 लाख लोगों की मौतें हुई थी. यह आधुनिक इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा थी.

10,700 से अधिक लोग मारे गए थे

भारत में सुनामी ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और तमिलनाडु के तटवर्ती क्षेत्रों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 10,700 से अधिक लोग मारे गए और 5,640 लापता हुए, जिनमें ज्यादातर अंडमान-निकोबार से थे. तमिलनाडु में चेन्नई और नागपट्टिनम जैसे क्षेत्रों में भारी तबाही हुई. लहरें तट से कई किलोमीटर अंदर तक घुसी, जिससे मछुआरे समुदायों, घरों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. अंडमान में कई द्वीप जलमग्न हो गए.

समझिए 8.8 तीव्रता के भूकंप का मतलब

8.8 तीव्रता का भूकंप "ग्रेट अर्थक्वेक" की श्रेणी में आता है. यह इतना शक्तिशाली होता है कि यह इमारतों, सड़कों और पूरे शहर को तबाह कर सकता है. इसकी ऊर्जा को जूल्स (Joules) में मापा जाता है. वैज्ञानिकों के अनुसार 8.8 तीव्रता का भूकंप लगभग 9 x 10^17 जूल्स ऊर्जा छोड़ता है. यह इतनी भारी मात्रा है कि इसे समझने के लिए हम इसे परमाणु बम की ऊर्जा से तुलना करते हैं

दरअसल, 1945 में हिरोशिमा पर गिराया गया परमाणु बम ("लिटिल बॉय") 15 किलोटन टीएनटी के बराबर था. इसका मतलब है कि इसने 6.3 x 10^13 जूल्स ऊर्जा छोड़ी. एक किलोटन टीएनटी 4.184 * 12 जूल्स के बराबर होता है. अब, अगर हम 8.8 तीव्रता के भूकंप की ऊर्जा ( 9 * 10 ^ 17 जूल्स) को हिरोशिमा बम की ऊर्जा से तुलना करें, तो हमें पता चलेगा कि यह कितने बमों के बराबर है.

रिसर्चगेट की स्टडी Comparison Between the Seismic Energies Released During Earthquakes With Tons of TNT के अनुसार, 8.8 तीव्रता का भूकंप 6.27 मिलियन टन टीएनटी के बराबर होता है, जो लगभग 10000-14000 हिरोशिमा बमों की रेंज में आता है. इसीलिए 9000 बमों की बात एक अनुमान के तौर पर सही मानी जा सकती है.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के नजरिए देखिए भूकंप और सुनामी से मचे तबाही का नजारा:

रूस और चीन समेत कई देशों में आए भूकंप और सुनामी की त्रासदी पर अब एक—एक कर वीडियो सामने आर हैं. इन्हीं में से एक वीडियो चीन के कामचटका शहर का है. इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि आईसीयू में ऑपरेशन स्ट्रेचर भूकंप के झटकों से जोर से हिलता रहा, लेकिन डॉक्टरों ने शल्य चिकित्सा को नहीं रोका. डॉक्टरों ने शक्तिशाली भूकंप के दौरान धैर्य बनाए रखा और सर्जरी कभी नहीं रोकी. डॉक्टरों के इस घैर्य का नतीजा यह निकला कि मरीज अब ठीक है!

सोशल मीडिया यूजन नंदिनी इदनानी ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि रियो तात्सुकी का सुनामी को लेकर भविष्यवाणी सही निकला. न्यू बाबा वंगा की जुलाई भविष्यवाणी भी इस घटना से सच साबित हुई. रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिससे 4 मीटर ऊंची सुनामी लहरें उठीं और सब कुछ बर्बाद हो गया.

सोशल मीडिया यूजर फोरगिव मैसेंजन ने एक्स पर लिखा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण नजारा तो कुछ भी नहीं है. सुनामी की 10-15 फुट ऊंची लहरों ने रूस के सेवेरो-कुरील्स्क तटीय क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गया.

सोशल मीडिया यूजर रिजवान शाह ने एक वीडियो साझा करते हुए लिखा है कि यह सुनामी कल्पना से कहीं ज्यादा विनाशकारी साबित हुआ. जिस जगह कभी एक विशाल फैक्ट्री हुआ करती थी वो अब पूरी तरह से नक्शे से मिट गई. वहं अब कुछ नहीं बचा. यह घटना इसे तबाही और विनाश का अकल्पनीय नजारा है.

डैनियल पी. एल्ड्रिच ने लिखा है कि भूकंप के कारण रूसी मछली कारखाना और आसपास को आबादी वाला इलाको के इतिहास हो गया. यहां पर अब कुछ नहीं बचा.

मारियो नॉफाल ने अपने एक्स पर सभी से एक वीडियो साझा कर लिखा है कि ड्रोन फुटेज में रूस में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप और सुनामी से हुए नुकसान इतिहास में दर्ज छठे सबसे बड़ा है. इस घटना के बाद प्रशांत क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. सेवेरो-कुरिल्स्क में 10 फुट ऊँची लहरें चलीं. हवाई से लेकर चिली तक खतरे में आग गया है.

रूसी नागरिक टैनी तानी ने अपने पोस्ट में लिखा है रूस के कामचटका प्रायद्वीप के तट पर 8.8 तीव्रता के भूकंप के कारण रूसी शहर सेवेरो-कुरिल्स्क पूरी तरह से बर्बाद हो गया. उसके बाद इस इलामें में आगे के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है.

रवि ने अपने एक्स पर लिखा है कि रूस में 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद आई सुनामी ने कामचटका में सेवेरो-कुरिल्स्क बंदरगाह को तबाह कर दिया. जापान, हवाई, अलास्का और यहाँत्ं तक कि कैलिफोर्निया सहित प्रशांत महासागर के सभी तटों पर सुनामी की चेतावनी जारी है. इन सभी क्षेत्रों में सुनामी और भूकंप का खतरा इस महाविनाश के बाद भी बरकरार है.

रूस में भीषण भूकंप से उठी सुनामी लहरे ने रूस के आबादी वाले इलाके में बसे घरों तक पहुंच गई ओर इमारतों को बहा ले गईं. ये लहरें अब प्रशांत महासागर में इलामें में तेजी से फैल रही हैं. कुछ ही घंटों में हवाई पहुंचने की उम्मीद है.

भूकंप और सुनामी के बाद तबाही का यह नजारा रूस के कामचटका तट इलाके की है. इस घटना के बाद हवाई, अलास्का और जापान में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है.

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