10 घंटे काम करने के बाद... चीन में फूड डिलीवरी एजेंट ने रोते हुए शेयर किया VIDEO, कहा- काश दोबारा स्कूल जा पाता
Chinese Delivery Boy: चाइना की एक फूड कंपनी के डिलीवरी एजेंट ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया. उसने कहा, सने बताया कि वह बिना आराम के लगभग 10 घंटे काम करता है और खुद को कुत्ते की तरह थका हुआ महसूस करता है. मेरे टीचर पढ़ने को कहते थे, लेकिन मैं उनकी बात नहीं मानता था, जिसका आज मुझे बहुत अफसोस हो रहा है.

Chinese Delivery Boy: नौकरी करना एक शौक नहीं बल्कि मजबूरी बनती जा रही है. घर की जिम्मेदारियां खासकर युवाओं के कंधों पर है. मन करे ना करे रोज ऑफिस जाना ही पड़ता है. कई बार वर्क कल्चर इतना टॉक्सिक हो जाता है कि सोशल मीडिया पर कर्मचारी अपना दर्द बयां करते नजर आते हैं. फिर सोचने लगते हैं काश यार वो स्कूल के दिन वापस आ जाएं.
सोशल मीडिया पर अब चीन का एक व्यक्ति जोर-जोर से रोकर अपना दर्द दुनिया को सुना रहा है. एक चीनी फूड डिलीवरी कार्यकर्ता अपने शिफ्ट के दौरान रो पड़ा और एक वीडियो रिकॉर्ड करके अपनी समस्याएं लोगों के साथ शेयर की.
डिलीवरी एजेंट का वीडियो
फूड डिलीवरी एजेंट ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया. पीले यूनिफॉर्म में ड्रेस वह व्यक्ति अपने मानसिक और शारीरिक संघर्ष को शेयर करता है. उसने बताया कि वह बिना आराम के लगभग 10 घंटे काम करता है और खुद को कुत्ते की तरह थका हुआ महसूस करता है. कई बार पेट खाने के लाले पड़ जाते हैं.
उसने कहना आर्थिक स्थिति इतना खराब है कि कमाने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा. मेरे टीचर पढ़ने को कहते थे, लेकिन मैं उनकी बात नहीं मानता था, जिसका आज मुझे बहुत अफसोस हो रहा है. मैं दस घंटे से ज्यादा ऑर्डर डिलीवर करता हूं. कुत्ते की तरह थका हुआ- मैं एक पल के लिए भी आराम करने की हिम्मत नहीं करता. क्योंकि जैसे ही मैं ढीला पड़ता हूं. जिंदगी मुझे खाली पेट से सजा देती है. मैं चिंतित न कैसे महसूस करूं?
पढ़ाई छोड़ने पर पछतावा
उसने कहा कि मैं अपने माता‑पिता को वह जीवन नहीं दे सकता जिसके वे हकदार हैं और मैं स्वयं भी अपनी मनचाही जिंदगी नहीं जी सकता. यह दिल तोड़ देता है. पर मैं किससे इस बारे में बात करूं? यह व्यक्ति जिसने कभी विश्वविद्यालय नहीं गया, अपनी रोजमर्रा की जीवन की कठोर वास्तविकता खोलकर रख दी है.दस घंटे से अधिक शिफ्ट, बिना आराम किए, सुरक्षा या दीर्घकालिक स्थिरता के.
यूजर्स का रिएक्शन
वीडियो पर कई लोगों ने कमेंट किया है. एक यूजर ने लिखा, ओ भाई मत रो, आजकल तो ग्रेजुएट भी संघर्ष कर रहे हैं इसलिए चिंता मत करो. दूसरे ने कहा, उन माता‑पिता के यहां जन्मना जो आपको अवसर दे सकते हों, एक आशीर्वाद है जिसे कई समझते नहीं. तीसरे ने कहा, ये लोग वाकई सच्चे हीरो हैं. जिस तरह से ये डिलीवरी करते हैं, कहां जाना है, ट्रैफिक वगैरह में गाड़ी चलाते हैं, फिर भी समय पर पहुंच जाते हैं. ये कमाल के हैं!