ट्रंप ने किसे कहा 'मूर्ख राष्ट्रपति'? फिर दोहराई Reciprocal Tariff की बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से Reciprocal Tariff लागू करने का एलान किया है. उन्होंने इस दौरान पूर्व राष्ट्रपतियों को मूर्ख बताया. ट्रंप ने भारत को लेकर कहा कि वह हम पर भारी शुल्क लगाता है. आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते. वैसे, वे अब अपने शुल्कों में कटौती करना चाहते हैं, क्योंकि कोई उनके किए की पोल खोल रहा है.

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 2 अप्रैल से 'प्रतिस्पर्धात्मक शुल्क' (Reciprocal Tariff) लागू किए जाएंगे. उन्होंने पिछले राष्ट्रपतियों की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्हें 'मूर्ख' कहा है. ट्रंप का मानना है कि ये नए शुल्क अमेरिकी व्यापार संतुलन को सुधारने में मदद करेंगे.
एयरफोर्स वन पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों पर पारस्परिक शुल्क ऑटो शुल्क के साथ-साथ लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पारस्परिक और क्षेत्रीय शुल्क 2 अप्रैल को लगाए जाएंगे.
स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर 25 फीसदी शुल्क लागू
इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने 12 मार्च से सभी स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर 25 फीसदी शुल्क लागू किया है, जिसमें कोई छूट नहीं दी गई है. ट्रंप ने कहा कि हम चीन पर 20 फीसदी और कनाडा-मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे. इन कदमों का उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना है, लेकिन इससे वैश्विक व्यापार संबंधों में तनाव बढ़ सकता है.
ट्रंप ने भारत को लेकर क्या कहा?
ट्रंप ने कहा- भारत हम पर भारी शुल्क लगाता है. आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते. वैसे, वे सहमत हो गए हैं. वे अब अपने शुल्कों में कटौती करना चाहते हैं, क्योंकि कोई उनके किए की पोल खोल रहा है.
'2 अप्रैल होगा अमेरिका के लिए मुक्ति दिवस'
ट्रंप ने कहा कि 2 अप्रैल अमेरिका के लिए मुक्ति दिवस होगा. हम उस धन का कुछ हिस्सा वापस पा रहे हैं, जो बहुत ही मूर्ख राष्ट्रपतियों ने इसलिए दे दी क्योंकि उन्हें पता ही नहीं था कि वे क्या कर रहे हैं.
यूरोपीय और एशियाई शेयर बाजारों में तेजी
ट्रंप के इस कदम के बाद यूरोपीय और एशियाई शेयर बाजारों में तेजी देखी गई, जबकि अमेरिकी फ्यूचर्स में गिरावट आई. इससे पता चलता है कि वैश्विक बाजार इन नीतिगत परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील हैं. हालांकि, एक हालिया सर्वेक्षण से पता चला है कि 72% अमेरिकी ट्रंप की शुल्क नीतियों के बारे में चिंतित हैं, जो जनवरी में 61% थी. यह दर्शाता है कि जनता में आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ रही है.