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भारत समर्थक, चीन विरोधी... जानें अमेरिका के नए विदेश मंत्री के बारे में 5 खास बातें

Who Is Marco Rubio in Hindi: मार्को रूबियो को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का नया विदेश मंत्री नामित किया है. रूबियो कौन हैं, और उनके विदेश मंत्री बनने से भारत और चीन पर इसका क्या असर होगा, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं...

भारत समर्थक, चीन विरोधी... जानें अमेरिका के नए विदेश मंत्री के बारे में 5  खास बातें
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मार्को रूबियो
( Image Source:  X )

Marco Rubio: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने मार्को रूबियो को विदेश मंत्री बनाने का फैसला किया है. ट्रंप ने रूबियो की तारीफ करते हुए उन्हें एक निडर योद्धा बताया, जो विरोधियों के सामने कभी पीछे नहीं हटेगा.

मार्को रूबियो कौन हैं, उनका करियर कैसा रहा और उन्हें विदेश मंत्री बनाने के पीछे की वजहें क्या रहीं? आइए, इन सबके बारे में विस्तार से जानते हैं...

1- कौन हैं मार्को रूबियो?

मार्को रूबियो फ्लोरिडा से सीनेटर हैं. उनका जन्म 1971 में मियामी में हुआ. उनके पिता क्यूबा के अप्रवासी थे, जो अपने सपनों को पूर करने के लिए अमेरिका आए. यहां उन्होंने एक बैंक्वेट बारटेंडर के रूप में किया किया. रूबियो की मां एक होटल में नौकरानी का काम करती थीं.

2- रूबियो 2010 में बने सीनेटर

रूबियो 2010 में सीनेटर बने. इससे पहले, उन्होंने वेस्ट मियामी में सिटी कमिश्नर और फ्लोरिडा हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के स्पीकर के रूप में भी काम किया. उन्हें चाइल्ड टैक्स क्रेडिट का विस्तार करने, वीए सिस्टम में सुधार करने , महामारी के दौरान छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना, चीन के प्रति अमेरिका की नीति को नया आकार देना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाना शामिल है.

3- अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में लिया हिस्सा

मार्को रूबियो 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल थे. इस दौरान ट्रंप ने उन्हें छोटा मार्को कहा था, जबकि रूबियो ने उन्हें राष्ट्रपति पद की आकांक्षा रखने वाला सबसे अशिष्ट व्यक्ति कहकर जवाब दिया था. हालांकि, 2016 में फ्लोरिडा प्राइमरी में हारने के बाद रूबियो ने अपना अभियान स्थगित कर दिया. एक समय पर वे राजनीति छोड़ने पर विचार करने लगे थे.

4- चीन के प्रति सख्त रुख

रूबियो को चीन, ईरान, क्यूबा और वेनेजुएला के प्रति सख्त रूख के लिए जाना जाता है. उन्हें लैटिन अमेरिकन मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है. रूबियो ने 2019 में वेनेजुएला के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए राजी किया था. इसका मकसद वहां के वामपंथी राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को हटाना था. इसके साथ ही उन्होंने इजरायल-हमास युद्ध के लिए हमास को जिम्मेदार माना है.

5- भारत को लेकर कैसा है रूबियो का रूख?

मार्को रूबियो भारत समर्थक माने जाते हैं. उन्होंने इसी साल जुलाई में अमेरिकी सीनेट में एक बिल पेश किया था. इसमें उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने और पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा मदद को रोकने की मांग की थी.वहीं, चीन को लेकर उनका मानना है कि हिंद महासागर में अशांति फैलाने में चीन की बड़ी भूमिका है. उन्होंने चीनी सामानों पर भारी टैक्स लगाने की मांग भी की थी.

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