अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल को क्यों मना रहे 'लिबरेशन डे'?
अमेरिक के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को मुक्ति दिवस यानी लिबरेशन डे मनाने का एलान किया है. इस दिन से वे 'पारस्परिक टैरिफ' (Reciprocal Tariffs) लागू करेंगे. इसका मकसद उन देशों से आयातित वस्तुओं पर वही शुल्क लगाना है, जो वे अमेरिकी निर्यात पर लगाते हैं. ट्रंप ने कहा कि यह नीति सभी देशों पर लागू होगी.

Donald Trump Liberation Day April 2: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को 'मुक्ति दिवस' (लिबरेशन डे) के रूप में घोषित किया है. इस दिन से वे 'पारस्परिक टैरिफ' (Reciprocal Tariffs) लागू करेंगे, जिसका उद्देश्य उन देशों से आयातित वस्तुओं पर वही शुल्क लगाना है, जो वे अमेरिकी निर्यात पर लगाते हैं. ट्रंप का कहना है कि यह नीति सभी देशों पर लागू होगी, न कि केवल कुछ चुनिंदा देशों पर.
इस निर्णय के पीछे ट्रंप का तर्क है कि दशकों से अमेरिका अन्य देशों द्वारा व्यापार में शोषित होता आ रहा है. अब समय आ गया है कि अमेरिका अपने आर्थिक हितों की रक्षा करे. उन्होंने कहा, "दशकों से हमसे हर राष्ट्र ने, चाहे मित्र हो या शत्रु, फायदा उठाया है. अब समय आ गया है कि अमेरिका अपना धन और सम्मान वापस पाए."
क्या है 'पारस्परिक टैरिफ'?
'पारस्परिक टैरिफ' का अर्थ है कि यदि कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आयातित वस्तुओं पर समान शुल्क लगाएगा. इस नीति का उद्देश्य व्यापार में संतुलन स्थापित करना और अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना है.
विभिन्न देशों और व्यापार विशेषज्ञों में चिंता
हालांकि, इस नीति के संभावित प्रभावों को लेकर विभिन्न देशों और व्यापार विशेषज्ञों में चिंता है. कई देशों ने अमेरिका के इस कदम के जवाब में अपने स्वयं के टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के टैरिफ से उपभोक्ताओं को उच्च कीमतें चुकानी पड़ सकती हैं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाधा आ सकती है.
टैरिफ में छूट पाने की कोशिश कर रहा भारत
भारत सहित कई देश ट्रंप प्रशासन से टैरिफ में छूट पाने की कोशिश कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार अमेरिका से आयातित ऑटो पार्ट्स पर टैरिफ कम करने की योजना बना रही है, ताकि व्यापार संबंधों को मजबूत किया जा सके और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके.