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क्या सेक्स करने के लिए ये 'घोस्ट शार्क' माथे पर उगाते हैं दांत? समुद्र की गहराई से आई चौंकाने वाली खोज

समुद्र की गहराइयों में रहने वाली रहस्यमयी मछली घोस्ट शार्क (Chimaeras) को लेकर वैज्ञानिकों ने एक हैरान कर देने वाली खोज की है. इन नर घोस्ट शार्क्स के माथे से एक अजीब सी छड़ (Rod) निकली होती है, जिस पर नुकीले और खिंचने-सिकुड़ने वाले दांत लगे होते हैं. नया शोध यह साबित करता है कि ये सिर्फ दांत जैसे दिखने वाले संरचना नहीं, बल्कि वास्तव में असली दांत हैं, जो मुंह से बाहर उगते हैं.

क्या सेक्स करने के लिए ये घोस्ट शार्क माथे पर उगाते हैं दांत? समुद्र की गहराई से आई चौंकाने वाली खोज
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 7 Sept 2025 7:10 PM

समुद्र की गहराइयों में रहने वाली रहस्यमयी मछली घोस्ट शार्क (Chimaeras) को लेकर वैज्ञानिकों ने एक हैरान कर देने वाली खोज की है. इन नर घोस्ट शार्क्स के माथे से एक अजीब सी छड़ (Rod) निकली होती है, जिस पर नुकीले और खिंचने-सिकुड़ने वाले दांत लगे होते हैं. नया शोध यह साबित करता है कि ये सिर्फ दांत जैसे दिखने वाले संरचना नहीं, बल्कि वास्तव में असली दांत हैं, जो मुंह से बाहर उगते हैं.

और भी रोचक बात यह है कि इन दांतों का इस्तेमाल शिकार के लिए नहीं, बल्कि प्रजनन (Mating) के दौरान होता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अनोखी संरचना, जिसे टेनाकुलम (Tenaculum) कहा जाता है, नर घोस्ट शार्क्स को मादा को पकड़ने और संभालने में मदद करती है.

प्राचीन जीवाश्म और आधुनिक नमूनों से खुला राज़

फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञान प्रोफेसर गैरेथ फ्रेज़र (Gareth Fraser) और उनकी टीम ने जीवाश्म और जीवित नमूनों का अध्ययन किया. उन्हें 315 मिलियन वर्ष पुराना जीवाश्म मिला, जिसमें टेनाकुलम ऊपरी जबड़े से जुड़ा हुआ था और उसके दांत बिल्कुल मुंह के दांतों जैसे थे। वाशिंगटन के प्यूजेट साउंड से लिए गए आधुनिक घोस्ट शार्क्स में भी यही प्रक्रिया देखी गई.

शोधकर्ताओं ने पाया कि इन माथे वाले दांतों में वही जीन सक्रिय होते हैं, जो असली दांत बनाने में काम आते हैं। इसका मतलब है कि यह संरचना किसी साधारण स्केल जैसी नहीं, बल्कि असली दांतों का विकास है.

वैज्ञानिकों के चौंकाने वाले बयान

प्रोफेसर फ्रेज़र ने कहा कि 'अगर ये अजीब चिमेरा अपने सिर पर दांत उगा सकते हैं, तो हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि दांतों का विकास और कहां-कहां हो सकता है? शोध में शामिल शिकागो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल कोट्स (Michael Coates) ने कह कि 'यह प्रोजेक्ट विकासवाद (Evolution) की एक खूबसूरत मिसाल है. हमने देखा कि कैसे इन मछलियों ने पहले से मौजूद दांत बनाने वाले प्रोग्राम को अपनाकर एक नया उपकरण विकसित कर लिया, जो प्रजनन के लिए जरूरी है. वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन की शोधकर्ता कार्ली कोहेन (Karly Cohen) ने कहा कि 'टेनाकुलम कोई अजीब इत्तेफाक नहीं, बल्कि एक विकासात्मक अवशेष (Developmental Relic) है. यह जबड़े से बाहर दांतों वाली पहली स्पष्ट संरचना है.

विकासवाद का अद्भुत खेल

सीटी स्कैन और जीन परीक्षणों से स्पष्ट हो गया कि टेनाकुलम पर मौजूद दांत असली शार्क दांतों जैसे ही हैं. समय के साथ यह छोटा हो गया, लेकिन अपनी दांत बनाने की क्षमता बनाए रखा. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह खोज इस बात का प्रमाण है कि विकासवाद कितनी लचीलापन दिखाता है और कैसे प्रकृति मौजूदा संरचनाओं को नए और अप्रत्याशित तरीकों से उपयोग में ले आती है. जैसा कि प्रोफेसर फ्रेज़र ने कहा कि समुद्र की गहराइयों में अभी भी अनगिनत रहस्य छिपे हुए हैं, जिन्हें हमें खोज निकालना है.

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