देशद्रोह और अलगाववाद... बोले तो सिख फॉर जस्टिस! कब और क्यों बना- क्या है इसका मकसद- Detail में
गृह मंत्रालय ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को देशद्रोह और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को लेकर जुलाई 2020 में आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल कर दिया था. इसके साथ ही उसके संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' पर 5 साल के लिए और प्रतिबंध लगा दिया था.

बीते कुछ दिनों में भारत के 100 से ज्यादा फ्लाइट्स में बम होने की धमकी मिल चुकी है. खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत के लोगों से 1 से 19 नवंबर तक एयर इंडिया में सफर न करने की सलाह दी है. पन्नू ने कहा कि सिख दंगे के 40 साल पूरे होने पर एयर इंडिया के विमानों पर हमला हो सकता है.
वहीं, गृह मंत्रालय ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को देशद्रोह और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों को लेकर जुलाई 2020 में आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल कर दिया था. इसके साथ ही उसके संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' पर 5 साल के लिए और प्रतिबंध लगा दिया था.
क्या है सिख फॉर जस्टिस?
सिख फॉर जस्टिस एक अलगाववादी ग्रुप है. जो खालिस्तानी आंदोलन के जरिए चाहता है कि सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान बने. रिपोर्ट के मुताबिक यह अमेरिका में एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन के तहत रजिस्टर्ड है. इसके फाउंडर मेंबर में पाकिस्तानी शख्स का नाम भी शामिल है, जिसका नाम मोहम्मद सलमान यूनुस है.
- पन्नू ने अपने भाई अवतार पन्नू और मो. सलमान यूनुस के साथ मिलकर की थी स्थापना
- तीनों ने 2007 में इस फर्म को कराया था रजिस्टर
- सिख फॉर जस्टिस का कंपनी नंबर है EXTUID_4237096
- डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के अधिकारी क्षेत्र में आता है
- यूनुस ने कश्मीर खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट के लिए पन्नू के साथ मिलाया था हाथ
SFJ करता है खालिस्तान की मांग
SFJ की वेबसाइट के मुताबिक यह संगठन पंजाब में सिखों के लिए आत्मनिर्णय का अधिकार हासिल करना चाहता है. इसका मकसद खालिस्तान देश की स्थापना करना है. इसे लेकर SFJ ने 'रेफरेंडम-2020' नाम से एक अभियान शुरू किया था. इसमें पंजाब और अन्य देशों में रहने वाले सिखों से ऑनलाइन वोट की अपील की थी. ये बात पता चलते ही भारत सरकार ने 40 वेबसाइटों पर पाबंदी लगा दी थी. वह खुद को मानवाधिकारों की रक्षा करने वाला संगठन बताता है, लेकिन भारत ने सिख फॉर जस्टिस को आतंकवादी संगठन घोषित कर बैन लगा रखा है.
हिंसा का करता है समर्थन
खालिस्तान की मांग का समर्थन करने वाला यह संगठन हिंसा का भी समर्थन करता है. जब 'रेफरेंडम-2020' के लिए कनाडा में मुख्यालय बनाया गया था तो उसका नाम तलविंदर सिंह परमार के नाम पर रखा गया था. ये वही परमार है जिसपर 23 जून 1985 को एयर इंडिया फ्लाइट में हुए धमाके का मास्टरमाइंड माना जाता है. इसमें धमाके में 329 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें 24 भारतीय और 268 कनाडाई नागरिक शामिल थे. SFJ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दोषियों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह का भी समर्थन करता है.
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
पन्नू का जन्म अमृतसर के पास खानकोट में हुआ था. उसके पिता महिंदर सिंह पंजाब में सरकारी अधिकारी थे. पन्नू की शुरुआती पढ़ाई लुधियाना में ही हुई थी. इसके बाद उसने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की. 1992 में वह अमेरिका गया और कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से एमबीए और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की.
होम मिनिस्ट्री ने एक जुलाई 2020 को नौ लोगों को यूएपीए कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था. इस लिस्ट में पन्नू का नाम सातवें स्थान पर था. इससे पहले एनआईए ने 15 जनवरी 2019 को पन्नू के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद नवंबर 2022 में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था. एनआईए ने खानकोट गांव में पन्नू की 5.7 एकड़ जमीन और चंडीगढ़ के सेक्टर 15 सी में स्थित उसके घर का एक हिस्सा को जब्त कर चुकी है.
केजरीवाल पर लगा था चंदा लेने का आरोप
आशु मोंगिया नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि SFJ से अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को एक करोड़ 60 लाख डॉलर का चंदा मिला. उनका दावा था कि यह चंदा देविंदर पाल भुल्लर की रिहाई के लिए मुहिम चलाने और खालिस्तान के लिए समर्थन की उम्मीद में दिया गया था. इस शिकायत के बाद उपराज्यपाल ने केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की थी. बता दें, मोंगिया वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन नाम के संगठन से जुड़े हैं. यह प्रवासी हिंदुओं का एक संगठन है.