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क्या है GCAP, जिसके लिए जापान ने भारत से किया संपर्क, किन देशों में चलता है ये फाइटर जेट प्रोग्राम?

India And Japan: जापान के अधिकारी फरवरी में जब भारत आए थे, तब GCAP के बारे में चर्चा की थी. तब पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया अभियान की पेशकश की. जापान ने इसमें रूचि दिखाई थी. GCAP एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसके लिए 19 नंबर 2024 को जापान, यूके और इटली के नेताओं ने एक बैठक की थी. \समें अन्य देशों को भी शामिल करना है. छठी पीढ़ी के लिए लड़ाकू विमान को बनाने का फैसला लिया गया है.

क्या है GCAP, जिसके लिए जापान ने भारत से किया संपर्क, किन देशों में चलता है ये फाइटर जेट प्रोग्राम?
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( Image Source:  canava )

India And Japan: जापान और भारत के बीच हमेशा अच्छे रिश्ते रहे हैं. अब रिश्ते को और मजबूत करने के लिए एक अहम डील पर चर्चा हो रही है. इसी दिशा में जापान ने भारत को छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमान प्रोजेक्ट की अपील करते हुए प्रस्ताव भेजा है. अगली पीढ़ी के ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (GCAP) में शामिल होने के लिए यह फैसला लिया गया है.

जानकारी के अनुसार, GCAP में इटली, जापान और यूनाइटेड के नेतृत्व पर चलाया जा रहा है. यह एक फाइटर जेट प्रोग्राम है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों का निर्माण करना है. इस प्रोग्राम के बारे में 30 अप्रैल को जानकारी दी गई थी. जेट के लागत को कम करने की भी बात कही गई है.

GCAP प्रोग्राम का उद्देश्य

  • जापानी अधिकारी का कहना है कि जापान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एशिया में अहम भूमिका निभाता है.
  • फरवरी में जब जापान के अधिकारी भारत आए थे, तब GCAP के बारे में चर्चा की थी. तब पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया अभियान की पेशकश की. जापान ने इसमें रूचि दिखाई थी.
  • GCAP को लेकर जापान और भारत की ओर से अभी को आधिकारिक फैसला या बयान सामने नहीं आया है.
  • GCAP एक ऐसा प्रोग्राम है, जिसके लिए 19 नंबर 2024 को जापान, यूके और इटली के नेताओं ने एक बैठक की थी.
  • प्रोग्राम का मकसद इसमें अन्य देशों को भी शामिल करना है. छठी पीढ़ी के लिए लड़ाकू विमान को बनाने का फैसला लिया गया है.
  • एडवांस फाइटर जेट बनाने में काफी खर्च आता है. इसलिए यह देश दूसरे देशों से मदद मांग रहे हैं, जिसमें एक नाम भारत का भी शामिल है.
  • इससे पहले जापान ने भारत को लेकर छोड़ी ज्यादा नहीं सोचा, जिसका कारण था रूसी एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम था. हालांकि अब वह भारत से फाइटर जेट को लेकर पॉजिटिव रिस्पॉन्स चाहता है.
  • इस प्रोजेक्ट में सऊदी अरब के शामिल होने की चर्चा है. इस बारे में मार्च 2023 में एलान किया गया था.
  • जर्मनी भी इसका हिस्सा बन सकता है. उसकी ओर से कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है.
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