कनाडा PM देंगे अपने पद से इस्तीफा! आखिर जस्टिन ट्रूडो क्यों कर रहे रिजाइन?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो 48 घंटों के अंदर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. ट्रूडो अपनी ही पार्टी के अंदर समर्थन खो रहे हैं. कई सर्वे में सामने आया कि आज चुनाव हुए तो पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी उन्हें ( ट्रूडो ) लिबरल्स को सत्ता से बाहर कर देगी.

Justin Trudeau Will Resign: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पिछले कुछ समय से राजनीतिक आलोचना का सामना कर रहे हैं. कनाडा सरकार की नीतियों को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं. इस बीच खबर सामने आई है कि ट्रूडो 48 घंटों के अंदर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. इस संबंध में द ग्लोब एंड मेल ने रविवार को सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी.
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार 6 जनवरी को लिबरल पार्टी के नेता जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. ट्रूडो अपनी ही पार्टी के अंदर समर्थन खो रहे हैं. कई सर्वे में सामने आया कि आज चुनाव हुए तो पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी उन्हें ( ट्रूडो ) लिबरल्स को सत्ता से बाहर कर देगी.
कनाडा की सत्ता से बाहर होंगे ट्रूडो?
रिपोर्ट में बताया गया कि बुधवार को राष्ट्रीय कॉकस की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, इससे पहले ट्रूडो के इस्तीफे की खबर सामने आना चिंता का विषय है. कनाडाई पीएम 'समझते हैं कि उन्हें लिबरल कॉकस से मिलने से पहले एक घोषणा करनी होगी ताकि ऐसा न लगे कि उन्हें अपने ही सांसदों द्वारा बाहर कर दिया गया है.' वर्तमान में ट्रूडो की जगह लेनकौन लेगा फिलहाल इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि नए पीएम के चुनाव तक वह प्रधानमंत्री पद बने रह सकते हैं. यह भी स्ष्पष्ट नहीं है.
ट्रूडो की पार्टी ही कर रही विरोध
कनाडा की स्थानीय मीडिया ने बताया कि पीएम जस्टिन ट्रूडो की पार्टी उनके खिलाफ हो गई है. कुछ लोग ट्रूडो की जगह दूसरे ऑप्शन की तलाश कर रहे हैं. अगर लिबरल पार्टी ने उन्हें पद से हटा दिया तो वे प्रधानमंत्री कैसे रह सकते हैं? इसलिए पार्टी को दूसरे नेता का चुनाव करना ही होगा, या फिर वोटिंग करानी होगी.
PM ट्रूडो से क्यों नाराज है जनता?
कनाडा की जनता देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ने से ट्रूडो सरकार ने नाराज है. कोरोना के बाद से वहां हालात बेहद खराब हैं. कनाडा में करीब 6 फीसदी तक महंगाई और बेरोजगारी पहुंच गई है. वहीं सरकार ने इमिग्रेंटस का खुला स्वागत किया, जिसमें सीरीयाई रिफ्यूजी भी शामिल थे. ये इस्लामिक स्टेट के दौरान वहां थे. इससे हेल्थकेयर, नौकरी तक सारी सुविधाएं बंटने और कमजोर होने लगीं है. लोग अपने ही देश में बेदखली का एहसास कर रहे हैं.