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बुशरा बीवी को जेल में झेलने पड़ रहे दोजख जैसे हालात, बहन का दावा - ‘कोठरी में हैं चूहे, टपकती है छत; दो-दो दिन तक बिजली गुल'

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी जेल में बेहद कठिन हालातों में जिंदगी बिता रही हैं. उनकी बहन मरियम वट्टू का आरोप है कि उनकी कोठरी में छत टपकती है, चूहे घूमते हैं, बिजली कई दिनों तक कट जाती है और उन्हें परिवार से मिलने तक के लिए भूख हड़ताल करनी पड़ी. उनका वजन 15 किलो कम हो चुका है.

बुशरा बीवी को जेल में झेलने पड़ रहे दोजख जैसे हालात, बहन का दावा - ‘कोठरी में हैं चूहे, टपकती है छत; दो-दो दिन तक बिजली गुल
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( Image Source:  X/ocjain4 )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 21 Aug 2025 11:31 AM IST

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी और देश की पूर्व फर्स्ट लेडी बुशरा बीबी की जेल की जिंदगी ने पूरे पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया है. उनकी बहन मरियम रियाज़ वट्टू के गंभीर आरोपों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीतिक दुश्मनी के चलते बुशरा को अमानवीय हालातों में कैद रखा जा रहा है?

मरियम का कहना है कि जेल में बुशरा बीबी को जिस स्थिति में रखा गया है, वह किसी भी इंसान के लिए नर्क से कम नहीं है - उनकी कोठरी में छत टपकती है, बिजली की वायरिंग से करंट रिसता है, चूहे दौड़ते रहते हैं और कभी-कभी दो-दो दिन तक बिजली ही काट दी जाती है. इसके अलावा, उन्हें परिवार से मिलने तक की अनुमति पाने के लिए भूख हड़ताल करनी पड़ी. इन हालातों ने न सिर्फ उनके स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित किया है, बल्कि उनकी सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इमरान खान के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तारी के बाद अब उनकी पत्नी भी राजनीतिक प्रतिशोध की शिकार मानी जा रही हैं.

जेल में नर्क जैसे हालात

मरियम रियाज़ वट्टू ने ARY News से बातचीत में कहा कि बुशरा बीबी की कोठरी की हालत बेहद खराब है. छत से लगातार पानी टपकता है, दीवारों पर सीलन है और बिजली के बोर्ड में हमेशा करंट भरा रहता है. ऐसे माहौल में रहना किसी के लिए जानलेवा हो सकता है. मरियम ने यह भी कहा कि अक्सर बिजली दो-दो दिनों तक काट दी जाती है, जिससे हालात और बिगड़ जाते हैं. चूहों का आना-जाना आम है, जिससे साफ-सफाई और स्वास्थ्य दोनों खतरे में हैं.

भूख हड़ताल और परिवार से मिलने की जद्दोजहद

मरियम ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन ने बुशरा को परिवार से मिलने की इजाजत तब तक नहीं दी, जब तक उन्होंने भूख हड़ताल का सहारा नहीं लिया. एक पूर्व फर्स्ट लेडी को अपने परिवार से मिलने के लिए भूखा रहना पड़े, यह बात अपने आप में पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था और जेल प्रशासन की सोच पर सवाल उठाती है. मरियम का कहना है कि परिवार को मिलने की इजाजत मिलने के बाद भी उन्हें जेल के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ा.

जेल में लगातार बिगड़ रहा स्वास्थ्य

मरियम रियाज़ ने बताया कि इन हालातों ने बुशरा बीबी के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है. उन्होंने कहा कि उनकी बहन का वजन लगभग 15 किलो कम हो चुका है और वह बेहद कमजोर हो गई हैं. इसके बावजूद उनकी हिम्मत और हौसला कायम है. मरियम ने कहा कि बुशरा बीबी मानसिक रूप से बेहद मजबूत हैं और अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगी.

इमरान खान और बुशरा बीबी - राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार?

इमरान खान पर 2023 में भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज किए गए, जिन्हें उन्होंने हमेशा राजनीतिक साजिश करार दिया. अब उनकी पत्नी को भी इसी तरह की परिस्थितियों में कैद रखा गया है. पाकिस्तान की राजनीति में यह कोई नई बात नहीं कि नेताओं के परिवारों को भी निशाना बनाया जाता रहा है. बुशरा बीबी का मामला भी उसी सिलसिले की कड़ी लगता है.

पति इमरान खान से भी मिलने की नहीं इजाजत

मरियम ने आरोप लगाया कि न सिर्फ बुशरा बीबी को परिवार से मिलने में मुश्किलें दी जा रही हैं, बल्कि उन्हें अपने पति इमरान खान से मिलने की भी अनुमति नहीं है. दोनों को अलग-अलग जेलों में रखा गया है और मुलाकात पर रोक लगाई गई है. यह हालात एक राजनीतिक षड्यंत्र की ओर इशारा करते हैं.

पाकिस्तान की सियासत और बुशरा बीबी का प्रतीकात्मक महत्व

बुशरा बीबी केवल इमरान खान की पत्नी ही नहीं हैं, बल्कि उन्हें पाकिस्तान की राजनीति में एक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रतीक के रूप में भी देखा जाता रहा है. उनकी छवि को लेकर पहले भी विरोधियों ने कई तरह के आरोप लगाए, लेकिन जेल की वर्तमान स्थिति ने उन्हें राजनीति में ‘पीड़ित’ और ‘प्रतिरोध का प्रतीक’ बना दिया है.

अंतरराष्ट्रीय ध्यान और मानवाधिकार सवाल

बुशरा बीबी की बहन के आरोप अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींच सकते हैं. पाकिस्तान पहले ही मानवाधिकार उल्लंघनों और राजनीतिक बंदियों के मामलों को लेकर आलोचना झेलता रहा है. यदि ये आरोप सही साबित होते हैं, तो पाकिस्तान सरकार और जेल प्रशासन को कठघरे में खड़ा होना पड़ सकता है.

इमरान खान की राजनीति और नई रणनीतियां

इमरान खान भले ही जेल में हों, लेकिन उनकी राजनीतिक गतिविधियां जारी हैं. हाल ही में उन्होंने पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के नेता महमूद खान अचकजई को नेशनल असेंबली में विपक्ष का नेता और आज़म खान स्वाती को सीनेट का नेता नियुक्त किया. यह कदम दिखाता है कि इमरान अपनी राजनीतिक पकड़ बनाए रखना चाहते हैं, भले ही उनकी पत्नी और वे खुद जेल में हों.

इंसाफ या इंतक़ाम?

बुशरा बीबी का मामला केवल एक महिला की जेल की दास्तान नहीं है, बल्कि यह सवाल खड़ा करता है कि पाकिस्तान की राजनीति में इंसाफ का असली मतलब क्या है? क्या विरोधियों को कुचलने के लिए उनके परिवार को अमानवीय हालातों में डालना उचित है? या फिर यह राजनीति का वह चेहरा है, जो इंसानियत से ऊपर सत्ता को रखता है?

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