कौन था मौलाना हक्कानी, जिसकी मदरसे में हुए आत्मघाती बम विस्फोट में हुई मौत?
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शुक्रवार की नमाज के दौरान एक मदरसे में बम विस्फोट में मौलाना हमीदुल हक हक्कानी समेत कई लोगों की मौत हो गई. यह हमला अकौरा खट्टक जिले में स्थित दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे में हुई. शुरुआती जांच में इसे आत्मघाती हमला बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की निंदा की है.

Bomb Blast In Pakistan: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शुक्रवार को एक मदरसे में बम विस्फोट होने से मौलाना हमीदुल हक हक्कानी समेत कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. यह घटना अकौरा खट्टक जिले में स्थित दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे में जुमे की नमाज के दौरान हुई. सूचना पाकर आपातकाली प्रतिक्रिया दल, बचाव 1122 मौके पर पहुंचा. पुलिस अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है.
प्राथमिक जांच में इस बम विस्फोट को आत्मघाती हमला बताया जा रहा है, जिसमें मौलाना हमीदुल हक हक्कानी को निशाना बनाया गया था. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा की है.
नौशेरा में आपातकाल की घोषणा
जिला पुलिस प्रमुख अब्दुल राशिद ने कहा कि अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. वहीं, बचाव 1122 के प्रवक्ता बिलास फैजी ने बताया कि विस्फोट में 20 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉन के केपी ब्यूरो चीफ अली अकबर ने पुष्टि की कि मदरसे के मुख्य हॉल में शुक्रवार की नमाज के दौरान विस्फोट हुआ, जिसके बाद अधिकारियों ने नौशेरा में आपातकाल की घोषणा कर दी.
मौलाना हक्कानी को निशाना बनाकर किया गया हमला
पुलिस ने समा टीवी से बात करते हुए केपी के महानिरीक्षक जुल्फिकार हमीद ने कहा कि शुरुआती जांच के अनुसार यह एक आत्मघाती विस्फोट लग रहा है. कुछ लोग घायल हुए हैं, जबकि कुछ की मौत हुई है. केपी आईजी ने समा टीवी से कहा कि ऐसा लगता है कि मौलाना हमीदुल हक हक्कानी निशाने पर थे.
कौन थे मौलाना हक्कानी?
मौलाना हक्कानी जेयूआई-एस के प्रमुख थे. वे दिवंगत मौलाना समीउल हक के बड़े बेटे थे. वे एक राजनेता और इस्लामी शिक्षाविद थे. वे नवंबर 2002 से 2007 तक नेशनल असेंबली के सदस्य भी रहे. अपने पिता की मौत के बाद उन्होंने जामिया दारुल उलून हक्कानिया में कुलपति और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (सामी) के अध्यक्ष की भूमिका संभाली.
1947 में हुई मदरसे की स्थापना
जिस मदरसे पर हमला किया गया, उसकी स्थापना सितंबर 1947 में मौलाना अब्दुल हक्कानी ने की थी. इससे पहले भी यह मदरसा सुर्खियों में रहा है. इसकी जांच भी की गई थी. मदरसे के छात्रों पर पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा था. हालाँकि, मदरसा लगातार संदिग्धों के साथ किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार करता रहा है.
पीएम शहबाज शरीफ ने हमले को बताया 'कायरतापूर्ण'
पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि आतंकवाद के ऐसे कायरतापूर्ण और जघन्य कृत्य आतंकवाद के खिलाफ हमारे संकल्प को कमजोर नहीं कर सकते. हम देश से आतंकवाद के सभी रूपों को पूरी तरह से मिटाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की निंदा की है.
गृह मंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति व्यक्त की संवेदना
गृह मंत्रालय के एक्स पर किए गए पोस्ट के अनुसार, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने भी बम विस्फोट की निंदा की. इसके साथ ही उन्होंने लोगों की मौत पर गहरा दुख और खेद भी व्यक्त किया.
गृह मंत्री ने मृतक लोगों के परिजनों के प्रति सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की. उन्होंने मौलाना हामिद-उल-हक हक्कानी सहित घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की.