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बांग्लादेश में टूटा हिंदुओं का सब्र, तीन महीने में दो हजार हमले, सुरक्षा को लेकर सड़कों पर उतरे 30 हजार हिंदू

ढाका में हिंदू समुदाय ने माइनॉरिटी कम्युनिटी पर हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ एक बड़ी रैली निकाली. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय पर हज़ारों हमले हुए हैं. उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री हसीना के देश छोड़ने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित हो गया है.

बांग्लादेश में टूटा हिंदुओं का सब्र, तीन महीने में दो हजार हमले, सुरक्षा को लेकर सड़कों पर उतरे 30 हजार हिंदू
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( Image Source:  ANI )

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हिंदू समुदाय ने माइनॉरिटी कम्युनिटी पर हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ एक बड़ी रैली निकाली. उन्होंने मांग की कि उन्हें हिंसा और धमकियों से सुरक्षा प्रदान की जाए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से माइनॉरिटीज पर हमलों की घटनाओं में वृद्धि हुई है. उन्होंने अंतरिम सरकार से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया और हिंदू समुदाय के नेताओं पर दर्ज देशद्रोह के मामलों को रद्द करने की मांग भी की.

लगभग 30,000 हिंदू समुदाय के लोगों ने चटगांव के प्रमुख चौराहे पर प्रदर्शन किया. वे अपने अधिकारों की सुरक्षा की माँग करते हुए नारे लगा रहे थे, जबकि पुलिस और सेना ने इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय पर हज़ारों हमले हुए हैं. उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री हसीना के देश छोड़ने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय असुरक्षित हो गया है.

अंतरिम सरकार का दृष्टिकोण और बढ़ते हमलों के आंकड़े

हिंदू समूहों का कहना है कि अगस्त की शुरुआत से ही हिंदुओं पर हमले की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अनुसार, 4 अगस्त से लेकर अब तक हिंदुओं पर लगभग 2,000 से ज्यादा हमले हुए हैं. वहीं, अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने इन आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया बताया है.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चिंता व्यक्त की है. वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने भी इन हमलों की निगरानी शुरू की है.

हिंदू कार्यकर्ताओं की माँगें

हिंदू कार्यकर्ताओं ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए आठ प्रमुख माँगें रखी हैं, जिनमें अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए एक विशेष कानून, अल्पसंख्यक मंत्रालय का गठन और उत्पीड़न के खिलाफ न्यायाधिकरण की स्थापना शामिल है. राजधानी ढाका और अन्य शहरों में भी इसी तरह की रैलियाँ आयोजित की जा रही हैं.

चटगांव में विरोध रैली और देशद्रोह के आरोप

चटगांव में हाल ही में एक विरोध प्रदर्शन में 19 हिंदू नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया, जिसमें प्रमुख पुजारी चंदन कुमार धर भी शामिल थे. आरोप यह है कि रैली में शामिल लोगों के एक समूह ने बांग्लादेश के झंडे के ऊपर भगवा झंडा लगाया था, जिसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना गया. हिंदू नेताओं ने इस घटना को राजनीति से प्रेरित बताया और मांग की कि 72 घंटे के भीतर इन मामलों को रद्द किया जाए.

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