Begin typing your search...

अलग हुआ बलूचिस्तान? भारत पाकिस्तान वॉर के बीच आजादी का दावा; यूएन से की यह मांग

बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने इन तनावपूर्ण घटनाओं के बीच एक के बाद एक कई एक्स हैंडल पोस्टों के जरिए बड़ा ऐलान किया. जिसमें उन्होंने कहा - हमने अपनी स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है.

अलग हुआ बलूचिस्तान? भारत पाकिस्तान वॉर के बीच आजादी का दावा; यूएन से की यह मांग
X
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 9 May 2025 9:48 AM IST

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच बलूचिस्तान से एक ऐतिहासिक और साहसिक ऐलान सामने आया है। प्रसिद्ध बलूच लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने आधिकारिक रूप से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा करते हुए पाकिस्तान से अलग होने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने साथ ही भारत सरकार से नई दिल्ली में 'डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान' का दूतावास खोलने की अनुमति भी मांगी है.

7 मई की रात भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारत ने यह स्पष्ट किया कि हमलों का मकसद केवल आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म करना था, पाकिस्तानी सेना पर हमला नहीं किया गया. इसके जवाब में 8 मई को पाकिस्तान ने जम्मू, सांबा, आरएस पुरा, अरनिया जैसे सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर ड्रोन, मिसाइल और तोपखाने से हमले किए. भारत की S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश हमलों को विफल कर दिया और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी ड्रोन, फाइटर जेट्स और एक AWACS (Airborne Warning & Control System) को भी मार गिराया.

हमारे पास भी बलूच सेना है

मीर यार बलूच ने अपने मैसेज में कहा, 'ऐ नापाकिस्तान, अगर तुम्हारे पास सेना है तो हमारे पास भी बलूच सेना है. बलूच स्वतंत्रता सेनानियों का हमला जारी है. हमारी नई सरकार शीघ्र गठित होगी, और इसमें बलूच महिलाओं की भागीदारी हमारे लोकतांत्रिक और आधुनिक राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाएगी.

मीर यार बलूच का ऐलान

बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने इन तनावपूर्ण घटनाओं के बीच एक के बाद एक कई एक्स हैंडल पोस्टों के जरिए बड़ा ऐलान किया. जिसमें उन्होंने कहा - हमने अपनी स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है. पाकिस्तान के पतन की घड़ी निकट है. हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि नई दिल्ली में 'डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान' का आधिकारिक दूतावास खोलने की अनुमति दी जाए. बलूचिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दी जाए. सभी सदस्य देशों की बैठक बुलाई जाए. बलूचिस्तान में UN Peacekeeping Force भेजी जाए. पाकिस्तान की सेना, ISI, पुलिस और अर्धसैनिक बलों को बलूच क्षेत्र से बाहर निकाला जाए. बलूचिस्तान में दशकों से दबे हुए स्वतंत्रता के आंदोलन को अब एक ग्लोबल मंच और नई दिशा मिलती दिख रही है. मीर यार बलूच का भारत से खुलकर समर्थन मांगना और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग करना, इस पूरे मामले को सिर्फ क्षेत्रीय नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक रूप दे सकता है.

अगला लेख