अफगानिस्तान में शतरंज पर प्रतिबंध! तालिबान ने इसे बताया शरिया के खिलाफ
Taliban Bans Chess: तालिबान ने अफगानिस्तान में शतरंज खेलने पर बैन लगा दिया है. साथ ही कहा कि शतरंज को शरिया कानून के तहत जुआ माना गया है. इससे पहले 2024 में तालिबान ने मिश्रित मार्शल आर्ट्स (MMA) जैसे खेलों को भी अत्यधिक हिंसक और शरीयत के खिलाफ बताया था. वहीं महिलाओं को खेलों में भाग लेने से लगभग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

Taliban Bans Chess: अफगानिस्तान की तालिबान सरकार लगातार अपने नागरिकों पर कड़े नियम लागू कर रही है. महिलाओं से लेकर पुरुषों और बच्चों पर भी सख्त कानून लागू किए हैं. अब अफगानिस्तान में शतरंज खेलने पर भी बैन लगा दिया गया है. तालिबान के खेल निदेशालय ने यह फैसला लिया है. उनका कहना है कि यह खेल जुआ से जुड़ा हो सकता है, जो कि इस्लामी शरीयत कानून के तहत अवैध है.
तालिबान के खेल विभाग के प्रवक्ता अताल मशवानी इस बारे में जानकारी दी. मशवानी ने रविवार को बताया कि शतरंज को शरिया कानून के तहत जुआ माना गया है, जो पुण्य का प्रचार और vice की रोकथाम कानून के तहत निषिद्ध है. इस बारे में काबुल के एक कैफ़े के मालिक अजीज़ुल्लाह गुलज़ादा ने कहा कि वह इस प्रतिबंध का सम्मान करेंगे, लेकिन यह उनके बिजनेस और युवाओं के लिए एक मनोरंजन एक्टिविटी के रूप में शतरंज के खेल पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा.
फैसले का असर
अजीज़ुल्लाह गुलज़ादा ने कहा, इस फैसले से बिजनेस पर असर पड़ेगा. उन्होंने यह भी बताया कि कई अन्य इस्लामी देशों में शतरंज को खेल के रूप में स्वीकार किया गया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि शतरंज अन्य मुस्लिम बहुल देशों में भी खेला जाता है. बता दें कि यह कदम तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों पर लगातार रोक लगा रहा है, जिसमें एक और फैसला शामिल हो गया.
धार्मिक कारणों से फैसला?
इससे पहले 2024 में तालिबान ने मिश्रित मार्शल आर्ट्स (MMA) जैसे खेलों को भी अत्यधिक हिंसक और शरीयत के खिलाफ बताया था. वहीं महिलाओं को खेलों में भाग लेने से लगभग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. सरकार के फैसले पर अताल मशवानी ने कहा, शरिया में शतरंज को जुए का एक साधन माना जाता है. अताल मशवानी ने बताया कि शतरंज को बैन करने के पीछे धार्मिक चिताएं हैं. जब तक इस परेशानी का हल नहीं निकलता, तब तक अफगानिस्तान में शतरंज पर रोक लगी रहेगी. इससे पहले भी तालिबान ने नागरिकों पर सख्त कानून लागू किए हैं, जिसका उल्लंघन पर सजा दी जाती है. वहां पर महिला के लिए बुर्का बनने बिना बाहर निकलने पर मनाही है, ऐसा न करने वाले महिलाओं को सजा दी जाती है.