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अफगानी विदेश मंत्री पहुंचे भारत तो 'ना- पाक' ने काबुल में बोल दिया हमला! TTP चीफ नूर वली महसूद को निशाना बनाने की आशंका

काबुल में देर रात दो धमाके और गोलीबारी से अफरातफरी मच गई. हमला TTP चीफ नूर वली महसूद को निशाना बनाकर किया गया, जो काबुल के पूर्वी हिस्से में अल-कायदा से जुड़ी सेफहाउस में थे. हालांकि, नूर वली महसूद सुरक्षित हैं और पाकिस्तान में मौजूद हैं, लेकिन इस हमले में उनका बेटा मारा गया. यह घटना एक गुप्त, सीमा पार सैन्य कार्रवाई की आशंका जताती है, जिसमें पाकिस्तान की भूमिका हो सकती है.

अफगानी विदेश मंत्री पहुंचे भारत तो ना- पाक ने काबुल में बोल दिया हमला! TTP चीफ नूर वली महसूद को निशाना बनाने की आशंका
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 10 Oct 2025 8:20 AM IST

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल शुक्रवार देर रात दो शक्तिशाली धमाकों और गोलीबारी से दहल उठी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, शहर के ऊपर से एक फाइटर जेट के गुजरने की आवाज भी सुनाई दी, जिसके बाद पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई. शुरुआती खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के प्रमुख नूर वली महसूद को निशाना बनाकर किया गया था, जो काबुल के पूर्वी हिस्से में अल-कायदा से जुड़ी एक सेफहाउस में रह रहा था.

हालांकि सूत्रों ने बताया कि जिस कंपाउंड पर हमला हुआ, वह पूरी तरह तबाह कर दिया गया, लेकिन CNN-News18 के पास मौजूद नूर वली महसूद का एक ऑडियो संदेश यह दावा करता है कि वह सुरक्षित है और इस वक्त पाकिस्तान में मौजूद है. हालांकि उसने यह भी स्वीकार किया कि इस हमले में उसका बेटा मारा गया है. इस पूरे घटनाक्रम ने संकेत दिए हैं कि यह हमला एक गुप्त, सीमा पार सैन्य कार्रवाई थी, जिसमें पाकिस्तान की सीधी या अप्रत्यक्ष भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता.

पाकिस्तान की तरफ से ‘सीधी कार्रवाई’ का संकेत

यह हमला ऐसे समय हुआ है जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 48 घंटे पहले ही अफगानिस्तान पर आतंकी संगठनों को पनाह देने का आरोप लगाया था. सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि इस हमले का टाइमिंग और टारगेट यह साफ दर्शाता है कि पाकिस्तान ने पहली बार तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान के भीतर जाकर कार्रवाई की है. यह कदम बेहद उकसाने वाला माना जा रहा है, क्योंकि 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है जब पाकिस्तान पर काबुल के भीतर हवाई हमले का आरोप लगा है.

अफगान वायु रक्षा व्यवस्था हुई फेल?

तालिबान शासन के पास इस वक्त न के बराबर एयर डिफेंस सिस्टम है और अफगान वायुसेना लगभग समाप्त हो चुकी है. ऐसे में इस तरह की हवाई कार्रवाई केवल तभी संभव है जब बाहरी तकनीकी सहायता या जासूसी इनपुट मिला हो. सूत्रों का कहना है कि हमला करने वाला विमान संभवतः पाकिस्तान-निर्मित JF-17 फाइटर जेट था, जिसे किसी तीसरे देश की तकनीकी मदद मिली हो सकती है. तालिबान के करीबी सूत्रों ने इस हमले को "अफगान संप्रभुता का खुला उल्लंघन" करार दिया है और चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान ने यह कार्रवाई की है, तो इसके गंभीर नतीजे होंगे.

भारत में मौजूद है अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी

दिलचस्प बात यह है कि यह हमला उस समय हुआ है जब अफगान अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत के आठ दिवसीय दौरे पर हैं. अपने इस दौरे में वे विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात करने वाले हैं. राजनयिकों के मुताबिक, इस हमले से मुत्ताकी की यात्रा का एजेंडा बदल सकता है और अफगानिस्तान संभवतः भारत से इस मामले में राजनैतिक समर्थन और जांच की मांग कर सकता है.

TTP में फूट और अंदरूनी टकराव की आशंका

इस हमले का असर TTP की शूरा (सर्वोच्च परिषद) में गहराई तक महसूस किया जा सकता है. पहले से ही संगठन दो धड़ों — प्रो-काबुल और प्रो-रावलपिंडी गुटों — में बंटा हुआ है. महसूद के बेटे की मौत से संगठन में असंतोष और सत्ता संघर्ष तेज हो सकता है. सुरक्षा विश्लेषकों को डर है कि इस अंदरूनी कलह का असर कुनार, नंगरहार और पकटिका जैसे सीमावर्ती इलाकों में हिंसक झड़पों के रूप में दिख सकता है, जिससे पाकिस्तान-तालिबान संबंधों में और तनाव बढ़ेगा.

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