करणी माता मंदिर: चूहों की सृष्टि-आस्था या अजूबा?

Credit : meta ai

करणी माता मंदिर

करणी माता मंदिर में लगभग 20-25 हजार चूहे रहते हैं, जिन्हें कब्बा कहा जाता है.

Credit : @RavindraBhati__

सफेद चूहा का खास महत्व

मंदिर में कुछ सफेद चूहे होते हैं जिन्हें विशेष मान्यता प्राप्त है. जो भक्त इन सफेद चूहों को देखते हैं, वे उसे सौभाग्य का प्रतीक मानते हैं.

Credit : meta ai

लक्ष्मण से जुड़ी कथा

करणी माता के सौतेले पुत्र लक्ष्मण की तालाब में मृत्यु हो गई थी. माता ने यमराज से प्रार्थना की और उनके पुत्र और उनके सभी पुरुष वंशजों को चूहों के रूप में पुनर्जीवित किया गया.

Credit : @shivani847821

भक्तों की नजरों से

बहुत से लोग मंदिर जाते हैं, झोले-प्रसाद लेकर चूहों को दूध, अनाज देते हैं. चूहों के बीच से चलना, उनके पैरों के नीचे से गुजरना भक्त इन अनुभवों को आशीर्वाद मानते हैं.

Credit : ani

स्वच्छता और स्वास्थ्य का चमत्कार

इतने सारे चूहों के बीच भी मंदिर को साफ-सुथरा रखा जाता है. चूहों या प्रसाद से किसी बड़ी बीमारी फैलने की खबर बहुत कम है, जो भक्तों के लिए चौंकाने वाला है.

Credit : meta ai

मंदिर की सजावट

करणी माता मंदिर संगमरमर से बना है और इसमें खूबसूरत सिल्वर के दरवाजे हैं, जिन पर देवी की कहानियां लिखी हुई हैं.

Credit : yatradham

त्यौहार पर मंदिर की चहल-पहल

मंदिर में साल में दो बार करणी माता मेला लगता है, नौ ब्रतों के दौरान इस समय मंदिर में भक्तों की तादाद बहुत बढ़ जाती है.

Credit : @X1Rk_Live
More Stories