क्या मांसाहारी थे पांडव, शिकार कर खाते थे हिरण?

Credit : AI Sora

पांडव शाकाहारी थे!

'महाभारत' पढ़ने से साफ पता चलता है कि पांडव पूरी तरह शाकाहारी नहीं थे. उस समय में न शाकाहार को अनिवार्य माना जाता था और न मांसाहार को पूरी तरह गलत.

Credit : AI Sora

पांडव भी इंसान थे

महाभारत में जिक्र है कि दोनों तरह का खाना खाया जाता था. खास तौर पर जंगल में रहते हुए या युद्ध-यात्रा के समय मांस खाना बहुत आम था. पांडव भी इंसान थे, राजकुमार थे, क्षत्रिय थे इसलिए उनका खाना भी उसी हिसाब से बदलता रहता था.

Credit : AI Sora

जंगली सूअर का शिकार

वन पर्व के अध्याय के मुताबिक, भीम रोज़ हिरण, जंगली सूअर आदि का शिकार करके लाते थे. वन पर्व में कई जगह लिखा है कि भीम हिरण मारकर लाते और द्रौपदी रसोई बनाती.

Credit : AI Sora

मछलियां पकड़ना

इतना ही नहीं वन पर्व में जिक्र है कि पांडव नदियों के किनारे रहते समय वे जाल डालकर मछलियां भी पकड़ते थे.

Credit : AI Sora

शाकाहारी भोजन

कभी-कभी जंगल के फल, कंद-मूल, सब्जियां और अनाज मिल जाता तो शाकाहारी भोजन बन जाता, लेकिन मांस ही मुख्य भोजन रहता था.

Credit : AI Sora

चमत्कारी बर्तन

युधिष्ठिर को सूर्य देव से वह चमत्कारी बर्तन मिला था जिसे 'अक्षय पात्र' कहते हैं. उसमें से रोज़ भरपेट शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का स्वादिष्ट खाना निकलता था.

Credit : AI Sora

मांस खाना पाप नहीं

महाभारत में खुद युधिष्ठिर कहते हैं- जंगल में रहते हुए शिकार करके मांस खाना पाप नहीं है. जीवित रहने के लिए जो उपलब्ध हो, वही खाना चाहिए.' (शांति पर्व और अनुशासन पर्व के मुताबिक)

Credit : AI Sora
More Stories