दोस्त नहीं आस्तीन के सांप! चाणक्य नीति के 6 सूत्र से करें सही पहचान

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सच्चा मित्र कौन?

चाणक्य कहते हैं सच्चा मित्र वही है जो हर हाल में साथ दे. झूठा मित्र सिर्फ दिखावा करता है और मौके पर गायब हो जाता है.

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सुख-दुख में साथ

असली मित्र आपके सुख और दुख दोनों में साथ रहेगा. जो केवल खुशी में साथ हो और दुख में दूर भागे, वह मित्र नहीं, अवसरवादी है.

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सफलता पर प्रतिक्रिया

जो आपकी सफलता देखकर खुश हो और गर्व करे, वही सच्चा दोस्त है. जो आपकी तरक्की से जलन महसूस करे, वह भीतर से दुश्मन है.

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असफलता में सहारा

मुश्किल समय में जो आपका हौसला बढ़ाए और मदद करे, वही असली मित्र है. असफलता में मजाक उड़ाना या दूर हो जाना, नकली दोस्त की निशानी है.

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आस्तीन का सांप

सच्‍चा मित्र आपकी गैरहाजिरी में भी सम्मान करता है. जो आपकी पीठ पीछे बुराई करे या राज़ खोल दे, वह मित्र नहीं आस्तीन का सांप कहलाता है.

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मीठी बातों का जाल

सिर्फ मीठी-मीठी बातें करने वाला हर बार सच्चा नहीं होता. ऐसे लोग असली जरूरत पड़ने पर धोखा दे सकते हैं.

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हित में सलाह

असली मित्र वही है जो कड़वी लेकिन सही सलाह दे. जो सिर्फ खुश करने के लिए झूठी बातें करे, वह भरोसे लायक नहीं.

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चाणक्य के सूत्र

चाणक्य के ये सूत्र आज भी उतने ही सही हैं जितने उनके समय में थे. बदलते जमाने में रिश्तों को समझना मुश्किल है, लेकिन ये सूत्र मदद करते हैं.

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