इंडस वॉटर ट्रीटी ने दशकों तक भारत और पाकिस्तान के बीच पानी को लेकर शांति बनाए रखी, लेकिन अब भारत-चीन सीमा पर बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी एक नए भू-राजनीतिक हथियार में बदलती दिख रही है. हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को आंशिक रूप से निलंबित करने के फैसले के बाद, चीन के सरकारी विश्लेषक विक्टर झिकाई गाओ ने चेतावनी दी है कि भारत को "पानी से खेलने" की कीमत चुकानी पड़ सकती है. गाओ के इस बयान को सीधे तौर पर ब्रह्मपुत्र नदी से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसका स्रोत तिब्बत में है और जो भारत के अरुणाचल प्रदेश और असम होते हुए बांग्लादेश तक जाती है. चीन पहले ही तिब्बत में ज़ांगबो (ब्रह्मपुत्र) पर बड़े बांध बना चुका है और भविष्य में इसकी दिशा या बहाव को प्रभावित करने की क्षमता भी रखता है. अब सवाल ये है कि क्या चीन वाकई ब्रह्मपुत्र के पानी को भारत के खिलाफ हथियार बना सकता है?