एक पुत्र को कैसा होना चाहिए और उसमें कौन-कौन से गुण होने चाहिए, इसे लेकर चाणक्य नीति में स्पष्ट रूप से बताया गया है. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो पुत्र न तो विद्वान है और न ही ईश्वर का भक्त है, उसके पैदा होने का क्या ही फायदा है. उनका कहना है कि एक गुणवान पुत्र अवगुणों वाले कई पुत्रों से श्रेष्ठ होता है. तो बेटों को कैसा होना चाहिए, इसे लेकर क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य, आइए जान लेते हैं.