जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने ‘Vice Chancellor’ के पद को अब ‘Kulguru’ कहने का निर्णय लिया है. यह केवल एक शब्द नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन शैक्षिक परंपराओं की वापसी का संकेत है. प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुडी पंडित के इस प्रस्ताव ने शिक्षा, संस्कृति और लैंगिक समानता पर नई बहस छेड़ दी है. रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में 'कुलगुरु' का अर्थ सिर्फ शिक्षक नहीं, बल्कि जीवन-मार्गदर्शक और संस्था निर्माता था. जानिए इस बदलाव के पीछे की गहराई और क्या होती थी कुलगुरु परंपरा.