Rahat Indori: किसने दस्तक दी इस दिल पर कौन है, आप तो अंदर हैं बाहर कौन है... इस शायरी को कहने वाले राहत इंदौरी भले ही आज इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उनके चाहने वाले आज भी उनकी शायरी को याद करते हैं. राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर में हुआ था. वे एक मशहूर शायर और गीतकार थे. एक बार एक मुशायरे में एक शख्स ने उनसे पूछा था कि आपकी शायरी में गुस्सा बहुत है. इस पर उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि जनाब, जब आपका मोहल्ला भी मेरी तरह सरकारी कचरे का डंपिंग जोन बन जाए , तब देखिएगा. गुस्सा और शायरी दोनों बढ़ते हैं. वे शायर बनने के पहले पेंटिंग किया करते थे. उनका 'बुलाती है मगर जाने का नहीं' शेर काफी मशहूर हुआ था.