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दो बीघा ज़मीन से गर्म हवा तक... Balraj Sahni की ज़िंदगी का आख़िरी सीन, अर्थी पर तिरंगा नहीं लाल झंडा था

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Phir Wo Kahani Yaad Aayee: Balraj Sahni की आखिरी परफ़ॉर्मेंस जो काल बन गई | कहानी जो दिल तोड़ देगी
नवनीत कुमार
By: नवनीत कुमार

Published on: 13 April 2025 12:34 PM

बलराज साहनी सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, एक विचार थे. बलराज साहनी ने सिनेमा को एक मिशन बनाया और ज़िंदगी को एक मंच दी. ‘दो बीघा ज़मीन’ से लेकर ‘गर्म हवा’ तक, हर किरदार में उन्होंने अपने जले हुए दिल की स्याही डाली. जानिए उनकी वो सच्ची कहानी जब उन्होंने रिक्शा खींचा, पत्नी और बेटी को खोया और आख़िरी शॉट देते हुए ज़िंदगी को अलविदा कह दिया. उनकी ज़िंदगी और मौत दोनों एक क्रांति थी. ये सिर्फ उनके अभिनय की नहीं, एक इंसान की टूटती, फिर उठती आत्मा की कहानी है.


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