पुणे का ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा किला अपने भीतर मराठा साम्राज्य का वैभव और एक दिल दहलाने वाली त्रासदी दोनों समेटे हुए है. दिन में यहां हजारों पर्यटक आते हैं, लेकिन रात होते ही इस जगह के माहौल में रहस्य और खौफ भर जाता है. कहा जाता है कि किले की दीवारों में आज भी पेशवा नारायण राव की चीखें गूंजती हैं, जिन्हें मात्र 18 वर्ष की उम्र में साज़िश के तहत बेरहमी से मार दिया गया था. उनकी अंतिम पुकार, “काका! माला वाचवा!” (काका! मुझे बचाइए) आज भी अमावस की रातों में सुनाई देने का दावा किया जाता है. बाजीराव प्रथम द्वारा 1732 में बनवाया गया यह किला मराठा शक्ति का प्रतीक था, लेकिन नारायण राव की हत्या के बाद यह भारत के सबसे डरावने ऐतिहासिक स्थलों में शामिल हो गया. शनिवार वाड़ा की इस भूतिया दास्तां ने इसे भारत की टॉप हॉंटेड जगहों में जगह दिलाई है.