रूह अफ़ज़ा, नाम तो सुना ही होगा. ठंडका का एहसास दिलाने वाले इस नाम से शायद ही कोई वाकिफ नहीं होगा. गर्मी का मौसम आया नहीं कि रूह अफ़ज़ा मिलना और दिखना शुरू. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर घर में शरबत की इस शान का इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी जड़ें अकेले भारत में नहीं बल्कि दो और देशों में है.