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Expert View: जब सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सब खुलेआम उपलब्ध है तो Pornography से कैसे बचें युवा?

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Supreme Court Hearing on Adult Content Ban in India | Dr. A.P. Singh | Social Media | State Mirror
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 5 Nov 2025 2:01 PM

भारत में नाबालिगों को पोर्नोग्राफी के बढ़ते खतरे से बचाने को लेकर दाखिल एक अहम याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया है. सोमवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने इस मामले की सुनवाई को चार सप्ताह के लिए टाल दिया. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा, “अभी नेपाल में बैन करने पर क्या हुआ, देखा न?” न्यायालय का इशारा सितंबर 2025 में नेपाल में लगाए गए इंटरनेट प्रतिबंध की ओर था. हालांकि, याचिकाकर्ता का कहना था कि यह याचिका नेपाल जैसे किसी राजनीतिक या इंटरनेट प्रतिबंध से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि भारत के किशोरों को पोर्नोग्राफी से दूर रखने की संवैधानिक पहल है. इस बीच, स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर (क्राइम इनवेस्टिगेशन) संजीव चौहान ने इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और आपराधिक मामलों के विशेषज्ञ डॉ. ए. पी. सिंह से एक्सक्लूसिव बातचीत की.