अफजल गुरु को फांसी तक कैसे पहुंचाया गया? रिटायर्ड जस्टिस एस.एन. ढींगरा ने पहली बार सुनाई पूरी कहानी
13 दिसंबर 2001 को हुए संसद हमले (Parliament Attack) ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इसी ऐतिहासिक आतंकी हमले से जुड़े अफजल गुरु केस में फैसला सुनाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस एस.एन. ढींगरा ने अब वर्षों बाद पहली बार इस मामले को लेकर खुलकर बातचीत की है. State Mirror Hindi के विशेष पॉडकास्ट में, एडिटर (क्राइम इन्वेस्टिगेशन) संजीव चौहान से बातचीत करते हुए रिटायर्ड जस्टिस ढींगरा ने संसद हमले, जांच, ट्रायल और आतंकियों को फांसी तक पहुंचाने की पूरी न्यायिक प्रक्रिया को विस्तार से समझाया. उन्होंने बताया कि यह केस केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारतीय न्याय प्रणाली के इतिहास का निर्णायक मोड़ था. जस्टिस ढींगरा ने कहा कि संसद पर हमला देश की संप्रभुता पर सीधा वार था और इस मामले में अदालत के सामने सबूत, गवाह और कानूनी जिम्मेदारी तीनों बेहद चुनौतीपूर्ण थे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फैसले में भावनाओं के बजाय कानून और साक्ष्यों को आधार बनाया गया.





