यूपी में नए DGP के सामने अपने ही ‘बिगड़ैलों’ को सुधारने की पहली चुनौती...
1991 बैच यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण ने बीते शनिवार को (1 जून 2025) राज्य के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (काम-चलाऊ DGP) का पदभार ग्रहण कर लिया. साल 2022 से लेकर अब तक यानी करीब 3-4 साल की अवधि में यह चौथा मौका है जब सूबे की सरकार को एक बार फिर नियमित (रेगुलर) पुलिस महानिदेशक नसीब नही हो सका है! राज्य में ‘काम-चलाऊ’ की पुलिस महानिदेशक बनाए जाने की परिपाटी, साल 2022 में तब शुरू हुई थी जब, कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को ‘किनारे’ लगाकर, मुकुल गोयल को पूर्णकालिक (नियमित) पुलिस महानिदेशक बनाया गया था. यह बात दूसरी है कि वह राज्य की कानून व्यवस्था सुचारू न रख पाने के आरोप में सूबे की सल्तनत ने उन्हें पद से बीच में ही हटा दिया था. तब से अब तक (आईपीएस डीएस चौहान, आर के विश्वकर्मा, विजय कुमार और फिर हाल ही में प्रशांत कुमार) चार काम-चलाऊ डीजीपी ही सूबे को दिए गए. अब इन काम-चलाऊ पुलिस महानिदेशकों की सूची में राजीव कृष्ण का पांचवा नाम जुड़ गया है. क्या राजीव कृष्ण अपनी ही बेकाबू पुलिस को संभाल पाएंगे? इसी सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की है, स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन संजीव चौहान ने इस पॉडकास्ट के जरिए.