रात का अँधेरा. कर्नाटक के एक छोटे गाँव की संकरी, हल्की-हल्की रोशनी वाली गली. पुराने और झुर्रियों भरे दरवाज़ों पर क्लोज़-अप शॉट्स, जिन पर कन्नड़ में लिखा है "ನಾಳೆ ಬಾ" (नाले बा). माहौल रहस्यमय और तनावपूर्ण है. बैकग्राउंड में धीमी, डरावनी धुन गूँज रही है. भारत की हर गली, हर गाँव में अनकही कहानियाँ बसती हैं. कुछ पीढ़ियों से सुनाई जाती हैं, और कुछ डर की स्याही से दीवारों पर उकेरी जाती हैं. 1990 के दशक में कर्नाटक के शहरों और गाँवों में ऐसा ही एक खौफ छाया था. वह डर, जो रात के सन्नाटे में दरवाज़ों पर दस्तक देता था.