मराठी कोई साधारण भाषा नहीं…ये संत ज्ञानेश्वर की ओवी है, तुकाराम का अभंग है, शिवाजी महाराज की हुंकार है.लेकिन जुलाई 2025 में महाराष्ट्र सरकार के एक GR (Government Resolution) ने मराठी, हिंदी और अंग्रेज़ी को स्कूलों में बराबरी से पढ़ाने का आदेश दिया और इसके बाद राज्य में बवाल मच गया. राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे, जो सालों से आमने-सामने नहीं आए थे, एक मंच पर आ गए, MNS कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए, दुकानदारों को पीटा गया, सोशल मीडिया पर जोक करने वाले युवाओं को मारा गया.