Expert View: रूस–भारत ट्रेड ने डॉलर की नींद उड़ाई, ट्रम्प भी नहीं बचा पा रहे अमेरिकी मुद्रा का दबदबा!
रूस के राष्ट्रपति के भारत दौरे के बाद से उसके प्रभाव पर हर जगह चर्चा जारी है. इस सिलसिले में स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर इनवेस्टीगेशन संजीव चौहान ने एक्सक्लूसिव बात की, भारत के मशहूर अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्री डॉ. शरद कोहली से. उन्होंने बताया कि रूस–भारत व्यापार का 96% हिस्सा अब बिना डॉलर के निपटारा कर रहा है, जिससे अमेरिकी मुद्रा पर भारी दबाव पड़ रहा है. वहीं अमेरिका का बढ़ता कर्ज, घटती आर्थिक विश्वसनीयता और बदलता वैश्विक ऑर्डर डॉलर की ताकत को लगातार कमजोर कर रहे हैं. शरद कोहली के अनुसार दुनिया का करेंसी युद्ध तेज हो चुका है - Euro, British Pound, Japanese Yen और Swiss Franc - ये चार बड़ी मुद्राएं डॉलर को चारों दिशाओं से घेर चुकी हैं. यहां तक कि डोनाल्ड ट्रम्प भी डॉलर के गिरते प्रभाव को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन परिस्थितियां अमेरिका के पक्ष में नहीं दिख रही.





