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क्या सिर्फ ब्राह्मण ही कर सकते हैं कथावाचन? वेदों, धर्मशास्त्रों और परंपराओं से समझिए सच्चाई

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Etawah Kathavachak Controversy | Who Can Recite Kathas? Brahmin Debate & Vedic View | State Mirror
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 27 Jun 2025 12:13 PM IST

उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक विवाद ने पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या केवल ब्राह्मणों को ही धार्मिक कथा कहने का अधिकार है? कथित रूप से कुछ गैर-ब्राह्मण कथावाचकों को अपमानित किया गया, उनके बाल मुंडवा दिए गए, और धार्मिक कर्म से रोका गया. इस घटना के वायरल वीडियो ने पुरानी जातिगत मान्यताओं और धार्मिक अधिकार के दायरे को फिर से चर्चा में ला दिया है. लेकिन क्या वास्तव में वेद, उपनिषद और धर्मशास्त्रों में ऐसा कोई आदेश है जो कथावाचन को केवल ब्राह्मणों तक सीमित करता है? इस विशेष रिपोर्ट में हम परंपराओं, शास्त्रों और आधुनिक सामाजिक दृष्टिकोणों के बीच संतुलन बिठाने की कोशिश करेंगे. जानिए क्या कहता है वैदिक धर्म, कौन कर सकता है कथा, और यह विवाद भारतीय समाज को कहां ले जा रहा है.


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