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1200 साल पहले स्‍थापना, युद्ध कला में भी माहिर होते हैं साधु - कहानी श्री पंचायती आनंद अखाड़े की

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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Updated on: 26 Nov 2024 3:38 PM IST

श्री पंचायती आनंद अखाड़ा का इतिहास भारतीय सनातन धर्म और विशेष रूप से कुम्भ मेला के संदर्भ में महत्वपूर्ण है. यह अखाड़ा प्रमुख अखाड़ों में से एक है और इसकी स्थापना भारतीय संत परंपरा के अनुसार हुई थी. इस अखाड़े की स्थापना 16वीं शताब्दी में हुई थी और इसका उद्देश्य साधु-संतों को एकजुट करना, सनातन धर्म की रक्षा करना और समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाना है. इसे विशेष रूप से निर्गुण संतों और सन्यासियों का अखाड़ा माना जाता है, जिनका कोई व्यक्तिगत अस्तित्व नहीं होता और जो केवल भगवान की भक्ति में समर्पित रहते हैं.

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