हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पास 400 एकड़ में फैले हरे-भरे जंगल को विकास के नाम पर काटने को लेकर बवाल जारी है. तमाम विरोध के बाद कोर्ट ने जंगल की कटाई पर रोक लगा दी. लेकिन तब तक बड़ी संख्या में जंगल में रह रहे पशु पिक्षयों का आशियाना छिन चुका था. 237 प्रजातियों के पक्षी, चित्तेदार हिरण, मॉनिटर छिपकली, सितारा कछुए, मोर वगैरह सभी बेघर हो गए. सवाल उठता है कि विकास के नाम पर कब तक बेजुबानों की बलि जी जाती रहेगी और कब तक कुदरत इंसान के लालच की कीमत चुकाती रहेगी.