समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म ख़ान 23 महीने जेल में रहने के बाद रिहा हो गए हैं. उनकी अगली राजनीतिक चाल यूपी की सियासत को प्रभावित कर सकती है. सवाल यह है कि क्या वह SP में बने रहेंगे या बहुजन समाज पार्टी (BSP) या किसी और पार्टी का दामन थामेंगे. 8 अक्टूबर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव रामपुर में उनसे मुलाकात करेंगे, जो मायावती की बड़ी BSP रैली से एक दिन पहले है. उत्तर प्रदेश में मुस्लिम आबादी लगभग 19-20% है. आज़म ख़ान का रुख सीधे SP, BSP, बीजेपी और कांग्रेस की आगामी चुनाव रणनीतियों को प्रभावित करेगा. अगर आज़म SP के साथ बने रहते हैं, तो मुस्लिम वोट बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो सकते हैं. वहीं, अगर वह SP छोड़कर किसी और पार्टी में चले गए, तो वोटों का बंटवारा बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. आज़म ख़ान का रुख पश्चिमी यूपी के मुस्लिम वोट बैंक के लिए निर्णायक माना जा रहा है. उनकी पार्टी में वापसी या किसी अन्य पार्टी में जाने का फैसला आगामी विधानसभा चुनाव के समीकरण बदल सकता है.