इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है. कोर्ट ने कहा कि किसी लड़की की छाती दबाना यौन अपराध की श्रेणी में नहीं आता, जिससे जनता और महिला संगठनों में गुस्सा बढ़ गया है. इस फैसले को नारी सम्मान और कानून व्यवस्था के खिलाफ माना जा रहा है, और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की मांग हो रही है.