UP: मदरसा या जाली नोटों का टकसाल! जांच करने प्रयागराज पहुंची IB और CBI
प्रयागारराज के अतरसुइया स्थित मदरसा जामिया हबीबिया में करीब तीन महीने से नकली नोट छापे जा रहे थे. अब तक लाखों रुपये के नकली नोट छापकर बाजार में चला दिए गए हैं.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक मदरसे के अंदर नकली नोट छापने का कारखाना मिलने के बाद देश भर में हड़कंप मच गया है. इस मामले में पहले से गिरफ्तार मौलवी समेत चारों आरोपियों से गुरुवार की देर शाम आईबी और सीबीआई के अधिकारियों ने कई राउंड की पूछताछ की. इसमें पता चला है कि इस मदरसे का मौलवी अक्सर यहां पढ़ने वाले बच्चों के हाथ में सौ या पांच सौ के नकली नोट देकर बाहर दुकानों पर भेजता था और सामान मंगवाता था. पुलिस के मुताबिक पिछले दिनों कुछ ऐसे इनपुट मिले थे कि मदरसा जामिया हबीबिया में नकली नोट की खेप आई है और इन नोटों को शहर में चलाने की कोशिश की जा रही है.
पुलिस की रेड में खुलासा
इस इनपुट की पड़ताल के बाद पुलिस टीम ने रेड किया तो पता चला कि यह नकली नोट कहीं बाहर से नहीं आए, बल्कि मदरसे के अंदर ही छापे जा रहे थे. इस रेड में मामले की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने मदरसे के मौलवी (प्रिंसिपल) मोहम्मद तफसीरूल समेत चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने मौके से 1300 नकली नोटों के साथ ही नकली नोट बनाने के सामान भी बरामद किया था. जांच में सामने आया है कि मौलवी मोहम्मद तफसीरूल ने उड़ीसा निवासी युवक जहीर खान को मदरसे में रहने के लिए एक कमरा किराए पर दिया था. इस नकली नोटों के खेल का मास्टर माइंड यह जहीर खान ही है. हालांकि नकली नोट छापने और चलाने के खेल में मौलवी भी शामिल था और वह मुनाफे का एक बड़ा शेयर होल्डर था.
तीन महीने से चल रहा था खेल
प्रयागराज के डीसीपी सिटी दीपक भूकर के मुताबिक मदरसे के अंदर करीब तीन महीने से नकली नोट छापने का खेल चल रहा था. जहीन और मौलवी ने मार्केट में नकली नोटों को चलाने के लिए करैली में रहने वाले तीसरे आरोपी मोहम्मद अफजल और चौथे आरोपी मोहम्मद शाहिद को जिम्मेदारी दी थी. ये लोग 15 हजार असली नोट के बदले में 45 हजार के नकली नोट देकर खपाने की कोशिश कर रहे थे. अब तक इन लोगों ने कई लाख रुपये के नकली नोट मार्केट में खपा दिए हैं.