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'हम मुसलमानों के घर में पढ़ेंगे हनुमान चालीसा', आखिर ऐसा क्यों कह रहे उत्तराखंड के हिंदू?

भारत में धर्म को लेकर आए दिन कोई न कोई विवाद खड़ा हो ही जाता है, जिसके चलते दो पक्षों के बीच बहस और लड़ाई होती है. ऐसा ही एक मामला उत्तराखंड के टिहरी जिले से सामने आया है. जहां पर एक मुस्लिम परिवार में सामूहिक नमाज पढ़ी जा रही थी, जिसके बाद हिंदू संगठन ने विवाद खड़ा कर दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

हम मुसलमानों के घर में पढ़ेंगे हनुमान चालीसा,  आखिर ऐसा क्यों कह रहे उत्तराखंड के हिंदू?
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( Image Source:  state mirror )

धार्मिक बातों को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हुआ. मामला उत्तराखंड के टिहरी जिले के नरेंद्रनगर से सामने आया है. यहां एक मुस्लिम परिवार के घर के परिसर में सामूहिक नमाज पढ़े जाने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने इसे लेकर कड़ा विरोध जताया. इसके जवाब में उन्होंने उसी जगह पर हनुमान चालीसा पाठ करने को कह दिया. इस घटना ने पूरे क्षेत्र में धार्मिक और सामाजिक तनाव बढ़ा दिया है.

क्या है मामला?

टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में मंगलवार को एक मुस्लिम परिवार ने अपने घर के परिसर में सामूहिक नमाज पढ़ी. इस आयोजन में दूसरे क्षेत्रों से भी लोगों को बुलाए जाने का आरोप है. इस पर हिंदूवादी संगठन बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन ने आपत्ति जताई. इन संगठनों का कहना है कि यह धार्मिक असंतुलन पैदा कर सकता है.

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोग परिवार से बहस करते दिखे. वायरल हो रहे वीडियो ने मामले को और तूल दे दिया, जिससे प्रशासन को स्थिति संभालने के लिए तुरंत एंट्री लेनी पड़ी.

प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटनास्थल पर तनाव बढ़ने के बाद गुरुवार को नरेंद्रनगर के एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की. परिवार ने प्रशासन को भरोसा दिलाया कि वे भविष्य में बाहर से किसी को बुलाकर सामूहिक धार्मिक गतिविधियां नहीं करेंगे. साथ ही हिंदू संगठनों ने हनुमान चालीसा पाठ करने की अपनी योजना पर अड़े रहने की बात कही. एसडीएम ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि किसी भी तरह से क्षेत्र में शांति बनाए रखी जाए.

बजरंग दल के पदाधिकारी नरेश उनियाल ने कहा कि शुक्रवार को उसी स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा. यह कदम उन्होंने सामूहिक नमाज के जवाब में उठाने का निर्णय लिया है.

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