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तीन जगह फटा बादल, विरान हुआ धराली...अब तक 130 लोगों को बचाया गया- पढ़ें दिन-भर के बड़े Updates

उत्तरकाशी के धराली और उसके आसपास तीन जगह बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी है, तेज बहाव वाली बाढ़ में कई घर, होटल और सड़कें बह गईं. अब तक सेना, NDRF, ITBP और SDRF की संयुक्त टीमों ने 130 लोगों को बचा लिया है. 8-10 सैनिक लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है.

तीन जगह फटा बादल, विरान हुआ धराली...अब तक 130 लोगों को बचाया गया- पढ़ें दिन-भर के बड़े Updates
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 6 Aug 2025 12:10 AM IST

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में भारी बारिश और बादल फटने की घटना से भारी तबाही मची है. हर्षिल और धराली जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आई बाढ़ ने कई घर, सड़कें और होटल बहा दिए. सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं. अब तक 130 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है तो वहीं चार लोगों की मौत होने की खबर बताई जा रही है लेकिन 100 से अधिक लोग अभी भी लापता होने की खबर है. लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है.

इसी बीच देहरादून के निकट हर्रावाला में रेलवे ट्रैक पर मलबा और पत्थर गिरने से रेल यातायात बाधित हो गया. रेलवे प्रशासन ने कई ट्रेनों की आवाजाही रोक दी है. हालांकि किसी भी जानमाल की हानि की खबर नहीं है, लेकिन 4-5 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है.

रेलवे ट्रैक पर गिरा मलबा, 5 ट्रेनें प्रभावित

रेलवे एसपी अरुणा भारती ने बताया, 'शाम 6:30 से 6:45 के बीच रेलवे ट्रैक पर मलबा और छोटे पत्थर गिर गए, जिससे ट्रैक बाधित हो गया. कुछ वायर टूट गए हैं. किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है. जंता एक्सप्रेस को हर्रावाला स्टेशन पर रोका गया है और पुलिस मौके पर तैनात है. रेल विभाग की टीमें, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस मिलकर ट्रैक को साफ करने में जुटी हैं. अनुमान है कि ट्रैक को साफ करने में 4-5 घंटे और लग सकते हैं.

उत्तरकाशी में तबाही- 130 लोगों को रेस्क्यू किया गया

उत्तराखंड सरकार ने एएनआई को जानकारी दी है कि अब तक 130 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. धराली और हर्षिल में बादल फटने की घटना के बाद सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. कई इलाकों में सड़कों और पुलों को नुकसान हुआ है.

8-10 जवान लापता, फिर भी राहत कार्य में जुटी है सेना

भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि हर्षिल क्षेत्र के निचले हिस्से में स्थित एक कैंप से 8-10 जवान लापता हैं. इसके बावजूद सेना राहत कार्यों में पूरी ताकत से जुटी है. इबेक्स ब्रिगेड की टीमें स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ के साथ मिलकर नागरिकों की सहायता कर रही हैं.

मुख्यमंत्री और प्रशासन की मुस्तैदी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित स्टेट डिजास्टर ऑपरेशन्स सेंटर पहुंचकर हालात का जायजा लिया है. तीन आईएएस अधिकारियों को उत्तरकाशी में तैनात किया गया है. मुख्यमंत्री लगातार राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं. गढ़वाल से भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने इस घटना को "बेहद भयावह" बताया और कहा कि सभी केंद्रीय एजेंसियां राहत कार्य में लगी हुई हैं. “गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई है, सभी एजेंसियों को भेजा गया है. हालात को जल्द से जल्द काबू में लाने का प्रयास जारी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तराखंड की इस त्रासदी पर शोक व्यक्त किया है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत कार्यों में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है.

हादसे पर क्या बोलीं धामी सरकार?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री अमित शाह ने भी सहायता का आश्वासन दिया है, मैं उनका भी धन्यवाद करता हूं. हमारी प्राथमिकता है कि प्रभावित इलाकों में सभी जरूरी सेवाएं तत्काल बहाल की जाएं.' मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली विभाग और उत्तराखंड जल विद्युत निगम मिलकर काम कर रहे हैं. “बिजली बहाल करना हमारी प्राथमिकता है, यह आज रात तक पूरा कर लिया जाएगा.

इस आपदा में संचार टावर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हुई हैं. इन्हें भी जल्द बहाल किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा, “जो लोग इस प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हैं, उनके साथ सरकार पूरी मजबूती से खड़ी है. हम उन्हें हरसंभव मदद प्रदान करेंगे. फिलहाल 130 लोगों को बाहर निकाल लिया गया है और राहत बचाव जारी है.

उत्तरकाशी के खीर गढ़, धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बीच 14 राजरिफ (RAJRIF) के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन अपनी टीम के साथ राहत व बचाव कार्यों की अगुवाई कर रहे हैं. रक्षा प्रवक्ता के अनुसार, कर्नल हर्षवर्धन की 150 सदस्यीय टीम वर्तमान में संकटग्रस्त इलाके में रेस्क्यू मिशन चला रही है. इस आपदा के कारण उनकी यूनिट भी प्रभावित हुई है और संपर्क कट गया है. वहीं, उनके 11 जवानों के लापता होने की आशंका जताई गई है, बावजूद इसके, पूरी टीम हौसला नहीं हार रही और लगातार फंसे लोगों को बचाने में जुटी है.

उत्तराखंड न्‍यूज
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