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कांवड़ में इश्क़ की तपस्या! मेरठ की लक्ष्मी ने प्रेमी की नौकरी के लिए किया अनोखा संकल्प

सावन का महीना शिवभक्तों के लिए आस्था, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है. हर साल लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं, ताकि भगवान शिव को गंगाजल अर्पित कर अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकें. इस बार मेरठ की एक लड़की लक्ष्मी ने अपने प्रेमी की नौकरी की कामना को लेकर कांवड़ यात्रा पर निकलकर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है.

कांवड़ में इश्क़ की तपस्या! मेरठ की लक्ष्मी ने प्रेमी की नौकरी के लिए किया अनोखा संकल्प
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 1 July 2025 12:12 AM

सावन का महीना शिवभक्तों के लिए आस्था, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है. हर साल लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं, ताकि भगवान शिव को गंगाजल अर्पित कर अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकें. इस बार मेरठ की एक लड़की लक्ष्मी ने अपने प्रेमी की नौकरी की कामना को लेकर कांवड़ यात्रा पर निकलकर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है.

लक्ष्मी का यह प्रेम और भक्ति से भरा कदम अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन चुका है. उसने हरिद्वार से 81 लीटर गंगाजल उठाया है और अब उसे मेरठ वापस लेकर जा रही है, ताकि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को अर्पित कर अपने प्रेमी की नौकरी की कामना कर सके.

प्रेम और श्रद्धा का अनोखा संगम

लक्ष्मी मेरठ के परतापुर की रहने वाली है. वह अपनी दोस्त मानसी के साथ हरिद्वार पहुंची और वहां से 81 लीटर गंगाजल लेकर पैदल ही यात्रा शुरू की. लक्ष्मी ने बताया, “मेरे बॉयफ्रेंड का सपना है कि वह भारतीय सेना में जाए. वह एक साल से मेहनत कर रहा है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली. इसलिए मैंने भोलेनाथ से प्रार्थना करने का निश्चय किया.

लोगों ने बढ़ाया हौसला

कांवड़ यात्रा के दौरान जब लक्ष्मी मुजफ्फरनगर के शिव चौक पहुंची, तो वहां लोगों ने फूल मालाओं से उसका स्वागत किया. उसकी आस्था और समर्पण को देखकर लोग उसकी प्रशंसा कर रहे हैं. मानसी ने बताया, “हमारा दोस्त बहुत मेहनत कर रहा है, और हम चाहते हैं कि भगवान शिव उसकी मनोकामना जरूर पूरी करें.

शिवरात्रि पर होगा अभिषेक

लक्ष्मी ने कहा कि वह शिवरात्रि के दिन मेरठ के परतापुर में स्थित शिव मंदिर में शिवलिंग पर 81 लीटर गंगाजल अर्पित करेंगी और भगवान शिव से अपने प्रेमी की नौकरी की प्रार्थना करेंगी. यह यात्रा सिर्फ आस्था ही नहीं, बल्कि रिश्तों में विश्वास और समर्पण की भी मिसाल बन गई है.

उत्तराखंड न्‍यूज
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