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मीरापुर में SHO ने तानी पिस्टल, सीसामऊ में BJP प्रत्याशी पर पत्थरबाजी; यूपी उपचुनाव Latest Updates

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव हो रहा और यहां की 9 सीटों पर आज मतदान हो रहा है. मीरापुर, कुंदरकी और सीसामऊ समेत उत्तर प्रदेश के सभी 9 सीटों का उपचुनाव क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीति दोनों के लिए अहम है. यह न केवल स्थानीय समीकरणों का परीक्षण करेगा, बल्कि 2024 के आम चुनावों से पहले राजनीतिक दलों की जमीनी पकड़ का भी संकेत देगा.

मीरापुर में SHO ने तानी पिस्टल, सीसामऊ में BJP प्रत्याशी पर पत्थरबाजी; यूपी उपचुनाव Latest Updates
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( Image Source:  X/yadavakhilesh )
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 20 Nov 2024 5:51 PM IST

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव हो रहा और यहां की 9 सीटों पर आज मतदान हो रहा है. इस दौरान मुज़फ्फरनगर जिले का मीरापुर विधानसभा क्षेत्र काफी सुर्ख़ियों में आ गया है. ककरौली गांव में कुछ लोगों ने हुड़दंग किया. पुलिस ने बताया कि दो पक्षों के बीच हुआ विवाद अचानक झड़प में बदल गया. स्थिति संभालने पहुंची पुलिस पर असामाजिक तत्वों ने पथराव शुरू कर दिया. एसपी ने बताया कि मौके पर शांति व्यवस्था कायम है और मतदान ठीक तरीके से चल रहा है.

वहीं, कानपुर के सीसामऊ में भी काफी हंगामा हुआ है. बताया जाता है कि जीआईसी में भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी की गाड़ी पर पथराव हुआ. इसके बाद भाजपाइयों ने जमकर हंगामा काटा. पुलिस पत्थर फेंकने वालों की तलाश में जुट गई है. इससे पहले मतदान शुरू होने के कुछ देर बाद ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस-प्रशासन पर वोटिंग को बाधित करने का आरोप लगाया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने उप निरीक्षक अरुण कुमार और राकेश नादर को निलंबित कर दिया.

सपा व बीजेपी कार्यकर्ताओं का हंगामा

सीसामऊ सीट पर सपा और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हंगामा काटा. पुलिस ने 25 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है. इंटर कॉलेज चुन्नीगंज में बने मतदान केंद्र पर फर्जी मतदान कराने का आरोप लगाकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया. सपा समर्थकों का कहना है कि मतदान की गति धीमी करने के लिए भाजपा के लोगों द्वारा हंगामा और बवाल किया जा रहा है. वहीं, बीजेपी ने मीरापुर और कुंदरकी सीट पर बाहरी व्यक्तियों से फर्जी मतदान कराने का आरोप लगाया है.

कुंदरकी में भी हंगामा

कुंदरकी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान मतदान के बीच समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हाजी रिजवान का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सपा प्रत्याशी पुलिस द्वारा मतदाताओं की पर्ची चेक किए जाने का विरोध जता रहे हैं. साथ ही पुलिस द्वारा बैरिकेड लगाने पर भी आपत्ति जताई है.

अखिलेश यादव ने लगाया वोट डालने से रोकने का आरोप

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी उन सभी मतदाताओं से अपील है कि फिर से जाकर वोट डालने की कोशिश करें, जिनको पहले वोट डालने से रोका गया था. देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से बात होने के बाद वीडियो और फ़ोटो सबूतों के आधार पर भ्रष्ट और पक्षपाती पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है और बाक़ी दोषी अधिकारी निलंबित होने वाले हैं.

आप बेख़ौफ़ होकर जाएं और लाइन में लग जाएं. समय सीमा शाम के 5 बजे के पहले जितने भी मतदाता लाइन में लग चुके होंगे, उन सबको वोट डालने दिया जाएगा. इसीलिए आप 5 बजे तक जाकर लाइन में लगकर, वोट डालने के लिए घर से ज़रूर निकलें.

मीरपुर में बहुकोणीय मुकाबला

मीरापुर विधानसभा सीट बहुकोणीय मुकाबले में फंस गई है. इस सीट से NDA की तरफ से राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के टिकट पर मिथिलेश पाल चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा उम्मीदवार सुम्बुल राणा, चंद्रशेखर आजाद की अगुवाई वाली आजाद समाज पार्टी के जाहिद हुसैन और बसपा के शाहनजर के बीच मुकाबला है.

सीसामऊ में टक्कर है जोरदार

सपा नेता इरफान सोलंकी के पास 2012 से सीसामऊ सीट थी. आगजनी मामले में जेल जाने के बाद यह उपचुनाव कराया गया. सपा ने उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने अपने पुराने कार्यकर्ता सुरेश अवस्थी पर फिर विश्वास जताया है. बसपा से वीरेंद्र कुमार मैदान में हैं.

कुंदरकी में चौथी पर मैदान में हैं बीजेपी प्रत्याशी

कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने रामवीर सिंह पर चौथी बार दांव लगाया है. वह कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार प्रत्याशी हैं. एक बार देहात विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं, समाजवादी पार्टी ने कुंदरकी से हाजी रिजवान को टिकट दिया है. अब सपा के सामने जहां वर्ष 2022 की जीती हुई सीटों पर अपना प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है. मायावती ने इस सीट से रफतउल्ला उर्फ नेता छिद्दा पर भरोसा जताया है.

23 नवंबर का इंतजार

मीरापुर, कुंदरकी और सीसामऊ समेत उत्तर प्रदेश के सभी 9 सीटों का उपचुनाव क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीति दोनों के लिए अहम है. यह न केवल स्थानीय समीकरणों का परीक्षण करेगा, बल्कि 2024 के आम चुनावों से पहले राजनीतिक दलों की जमीनी पकड़ का भी संकेत देगा.

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