UP के फतेहपुर में 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद में क्यों चला बुलडोजर? समझें पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर में आज जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त टीम ने ग्राम ललौली में नूरी जामा मस्जिद के अवैध रूप से निर्मित हिस्से को ध्वस्त कर दिया. सरकार ने मुताबिक, 'फतेहपुर जिले के बहराईच - बांदा रोड (SH-13) को चौड़ा करने के लिए PWD सड़क किनारे अवैध निर्माण को हटा दिया गया है.

Fatehpur Noori Jama Masjid Bulldozer Action: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हाईवे चौड़ीकरण योजना के तहत अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए योगी सरकार ने एक 180 साल पुरानी मस्जिद को गिरा दिया है. यह घटना फतेहपुर के ललौली क्षेत्र में स्थित नूरी जामा मस्जिद में हुई, जहां बुलडोजर के जरिए मस्जिद को जमींदोज कर दिया गया. इस कार्रवाई के दौरान जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (SSP), ADM, RAF, PAC और स्थानीय थाने की बड़ी पुलिस फोर्स भी मौके पर मौजूद थी.
हाईवे चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने के अभियान के तहत यह कदम उठाया गया, जिसके बाद मस्जिद को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया. यह कदम विवादास्पद रहा है, क्योंकि मस्जिद का इतिहास 180 साल पुराना था और इसे धार्मिक स्थल के रूप में संरक्षित किया गया था. इस कार्रवाई के बाद इलाके में तनाव और विरोध की स्थिति बन गई है, जिससे स्थानीय समुदाय में नाराजगी फैल गई है.
क्यों गिराया गया नूरी जामा मस्जिद?
मस्जिद पर बुलडोजर चलाने की वजह साफ करते हुए योगी सरकार ने कहा कि सड़कों को चौड़ा करने के लिए आदेश दिया गया है फतेहपुर से गुजने वाले बहराइच और बांदा हाईवे के चौड़ीकरण के तहत यह फैसला लिया गया है. नूरी जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने अवैध रुप से रास्ते में मस्जिद बनाई थी. 17 अगस्त को PWD ने नोटिस जारी करते हुए अवैध ढांचे को हटाने का आदेश दिया था. 24 सितंबर से PWD ने अवैध ढांचे गिराने का काम शुरू किया. उस समय मस्जिद कमेटी ने कहा कि वो खुद इसे गिरा देंगे. मगर इतने दिन बाद भी ढांचा जस का तस खड़ा रहा. ऐसे में सरकार को मजबूरी में इसे गिराना पड़ा.
मस्जिद गिराने के बाद क्या बोला प्रसाशन?
यूपी सरकार का कहता है कि, 'फतेहपुर जिले के बहराईच - बांदा रोड (SH-13) को चौड़ा करने के लिए PWD सड़क किनारे अवैध निर्माण हटा रहा है. आज ललौली में नूरी मस्जिद प्रबंध कमेटी द्वारा किए गये अवैध निर्माण को सौहार्दपूर्वक हटाया गया. अवैध निर्माण को लेकर पीडब्ल्यूडी ने 17 अगस्त को कमेटी को नोटिस जारी किया था. 24 सितंबर को पीडब्ल्यूडी ने अवैध निर्माण तोड़ने का अभियान चलाया था. उस समय, मस्जिद प्रबंधन समिति ने कहा था कि वे अवैध निर्माण को स्वयं ध्वस्त कर देंगे, लेकिन ऐसा करने में विफल रहे.'