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कौन हैं IPS बीके सिंह? बिहार का बेटा बनेगा साइबर क्राइम का दुश्मन, योगी राज में मिली बड़ी जिम्मेदारी

शाहाबाद (भोजपुर) के मूल निवासी और 1994 बैच के यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस बिनोद कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश का साइबर डीजी नियुक्त किया गया है. 31 साल की सेवा में उन्होंने कई जिलों में सख्त प्रशासनिक छवि बनाई. एडीजी साइबर क्राइम रहते हुए मात्र 13 महीनों में साइबर अपराधियों की कमर तोड़ दी थी. अब उन पर यूपी की साइबर सुरक्षा की कमान है.

कौन हैं IPS बीके सिंह? बिहार का बेटा बनेगा साइबर क्राइम का दुश्मन, योगी राज में मिली बड़ी जिम्मेदारी
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( Image Source:  Social media )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 18 Aug 2025 12:41 PM

शाहाबाद (भोजपुर) के मूल निवासी और 1994 बैच के यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी बिनोद कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश का नया साइबर डीजी नियुक्त किया गया है. साइबर क्राइम से निपटने में उनके अनुभव और रणनीति ने उन्हें अलग पहचान दिलाई है. महज 13 महीनों में बतौर एडीजी साइबर क्राइम उन्होंने अपराधियों की कमर तोड़ दी थी. राष्ट्रपति वीरता पदक, सराहनीय कार्य सेवा पदक और उत्कृष्ट सेवा पदक से सम्मानित बीके सिंह ने कई अहम जिलों में एसपी और एसएसपी रहते हुए भी अपनी कार्यकुशलता का लोहा मनवाया है.

बीके सिंह ने अपने 31 साल लंबे करियर में कई जिलों और विभागों में सेवा देकर अपनी कार्यकुशलता साबित की है. बतौर एसपी, उन्होंने सिद्धार्थनगर, मिर्जापुर, बांदा, सोनभद्र, बिजनौर और रेलवे मिर्जापुर व इलाहाबाद में अपनी सख्त छवि बनाई. इसके अलावा फैजाबाद, इलाहाबाद और बुलंदशहर में बतौर एसएसपी रहते हुए अपराध नियंत्रण में मिसाल कायम की. उनकी सख्त कार्यशैली और अनुशासनप्रिय रवैये के कारण उन्हें राष्ट्रपति वीरता पदक, सराहनीय सेवा पदक और उत्कृष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया है.

कौन हैं बीके सिंह?

मूल रूप से भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के बड़का लौहर-फरना गांव के रहने वाले बीके सिंह तीन भाइयों में छोटे हैं. उनके पिता किशुन सिंह बिजली विभाग में डायरेक्टर रहे थे. बीके सिंह का करियर तीन दशकों से अधिक का रहा है जिसमें उन्होंने फैजाबाद, इलाहाबाद, बुलंदशहर जैसे जिलों में एसएसपी रहते हुए उल्लेखनीय कार्य किए. राजनाथ सिंह के साथ ओएसडी, सीआरपीएफ के एडीजी और यूपी में एडीजी सुरक्षा जैसे अहम पदों पर सेवा देने के बाद अब साइबर डीजी की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है, जिससे शाहाबाद समेत पूरे बिहार-यूपी में गर्व और खुशी का माहौल है.

साइबर अपराध लगाया था लगाम

साइबर अपराध पर लगाम कसने के लिए उनका योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है. जून 2024 में जब उन्हें एडीजी साइबर क्राइम बनाया गया, तो मात्र 13 महीनों में ही उन्होंने कई बड़े साइबर अपराध गिरोहों को धर दबोचा. लखनऊ में उन्होंने 1930 साइबर क्राइम हेल्पलाइन सेंटर की स्थापना करवाई, जो आज देश का सबसे बड़ा कॉल सेंटर है. इसके साथ ही, उन्होंने आम लोगों को जागरूक करने के बड़े-बड़े अभियान चलाए, ताकि साइबर अपराध से बचाव के लिए समाज में सतर्कता बढ़ सके.

सीआरपीएफ और गृह मंत्रालय में दे चुके हैं सेवा

बीके सिंह की प्रशासनिक यात्रा केवल पुलिस विभाग तक सीमित नहीं रही. 14 जून 2023 को उन्हें सीआरपीएफ का एडीजी बनाया गया था. इसके अलावा, वे तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह के ओएसडी भी रह चुके हैं. हाल ही में वे यूपी में एडीजी सुरक्षा के पद पर तैनात थे. उनकी इस लंबी और विविधतापूर्ण सेवा यात्रा ने उन्हें अनुभव और नेतृत्व क्षमता दोनों ही स्तर पर समृद्ध बनाया है.

भोजपुर की मिट्टी से जुड़े हैं ये अधिकारी

योगी सरकार में भोजपुर की मिट्टी से जुड़े कई अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं. इनमें 1992 बैच के आईपीएस आशुतोष पांडेय, जिन्हें जून 2025 में डीजी पद पर प्रोन्नति मिली और 1996 बैच के आईपीएस अमिताभ यश जैसे अधिकारी शामिल हैं. इन सबके बीच बीके सिंह का साइबर डीजी पद पर आसीन होना यह साबित करता है कि बिहार की धरती ने ऐसे कई लाल दिए हैं, जो देशभर में प्रशासन और कानून व्यवस्था में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं.

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