'अगर मेरी नहीं तो किसी की नहीं.. किसी और से शादी कर रही थी युवती, सिरफिरे आशिक ने फेंका तेजाब
इस हमले में रीमा का चेहरा, गर्दन, कंधा और शरीर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह झुलस गया. गंभीर हालत में उसे पहले गांव के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे आज़मगढ़ के ग्लोबल अस्पताल रेफर कर दिया गया. डॉक्टरों के मुताबिक, युवती 60 फीसदी जल चुकी.

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में शादी की तैयारियों में जुटी एक 25 साल की युवती पर बाइक सवार दो युवकों ने सरेआम तेजाब फेंक दिया, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई. यह भयावह घटना गुरुवार को उस समय हुई, जब रीमा (काल्पनिक नाम) बैंक से 20 हजार रुपये निकालकर अपने घर लौट रही थी कि हमलावर ने हमला करते हुए चीखकर कहा, 'अगर तुम मेरी नहीं हुई तो किसी और की भी नहीं हो सकती.'
रीमा की शादी इसी महीने, 27 मई को होने वाली थी, अपने पिता के निधन और छोटे भाई की जिम्मेदारी के चलते वह खुद ही शादी की तैयारियों में व्यस्त थी. लेकिन उसकी यह खुशियां कुछ ही पलों में तबाह हो गईं. पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी राम जनम सिंह पटेल, जो पहले रीमा से संबंध में था, उसकी शादी किसी और से तय होने से नाराज़ था. इसी गुस्से में उसने रीमा को सबक सिखाने की योजना बनाई. उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर रीमा का पीछा किया और फिर चलती बाइक से उसके ऊपर तेजाब फेंक दिया.
बुरी तरह झुलसी दुल्हन
इस हमले में रीमा का चेहरा, गर्दन, कंधा और शरीर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह झुलस गया. गंभीर हालत में उसे पहले गांव के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे आज़मगढ़ के ग्लोबल अस्पताल रेफर कर दिया गया. डॉक्टरों के मुताबिक, युवती 60 फीसदी जल चुकी है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी पटेल समेत तीनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है. उनके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक भी बरामद कर ली गई है.
तुड़वाना चाहता था शादी
पूछताछ के दौरान पटेल ने बताया कि उसका इरादा रीमा की पीठ पर तेजाब डालने का था, ताकि उसकी शादी टूट जाए और वह उसे दोबारा पाने की कोशिश कर सके. यह कोई पहली घटना नहीं है. बीते महीने ही शाहजहांपुर जिले में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर शक के चलते उस पर और अपनी दो बेटियों पर तेजाब फेंक दिया था. तेजाब हमलों की इन बढ़ती घटनाओं ने एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. कानून होने के बावजूद ऐसी घटनाएं यह दिखाती हैं कि मानसिकता में बदलाव और कड़ी निगरानी की अभी भी सख्त ज़रूरत है.