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Karhal Bypolls 2024: क्या परंपरा को कायम रख पाएगी सपा? या BJP करहल में मारेगी बाजी

उत्तर प्रदेश में सियासी पारा हाई है. 13 नवंबर को राज्य की 9 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. इन 9 सीटों में करहल सीट की चर्चाएं काफी तेज है. वहीं 13 नवंबर को इन सीटों पर वोटिंग है. जब की 23 नवंबर को नतीजे सामने आने वाले हैं.

Karhal Bypolls 2024: क्या परंपरा को कायम रख पाएगी सपा? या BJP करहल में मारेगी बाजी
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Published on: 3 Nov 2024 2:25 PM

उत्तर प्रदेश उपचुनाव की तारीख जैसे- जैसे नजदीक आ रही है. वैसे ही सियासी गलियारों में टेंशन का माहौल भी दो गुना होता जा रहा है. इस उपचुनाव में मैनपुरी की करहल सीट पर भी चुनाव लड़ा जाना है. वहीं इस सीट हॉट सीट माना जाता है. हॉट सीट इसलिए क्योंकी इस सीट का तार सीधे सपा पार्टी से जुड़ा है. सपा का गढ़ कहे जाने वाली ये सीट पार्टी के लिए मायने रखती है.

वहीं इस सीट पर भाजपा और सपा की मुकाबले की टक्कर होने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकी BJP ने इस सीट से इस बार मुलायम सिंह यादव के दामाद और सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई अनुजेश यादव को टिकट दिया है. वहीं सपा ने भी इसी दाव को जारी रखा मसलन पार्टी ने पूर्व मुलायम सिंह के पोते और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के दामाद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है.

इसी सीट से सांसद रह चुके अखिलेश यादव

करहल सीट सपा का गढ़ है. इस सीट से अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी. लेकिन इसपर सपा अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा इसलिए क्योंकी कन्नौज सीट से भी उन्हें जीत मिली. जाहिर है एक सीट उन्हें छोड़नी थी. इसलिए इस सीट से इस्तीफा दिया. वहीं क्योंकी ये सीट अब खाली है. इसलिए इस पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. लेकिन अभी भी अखिलेश यादव ने विश्वास के साथ इस सीट से तेजप्रताप यादव को उम्मीदवार घोषित किया है. लेकिन बीजेपी भी इस सीट से जीतने में जी तोड़ मेहनत कर रही है.

इस सीट पर जीत सपा के लिए अहम है

इस सीट से सपा के लिए जीतना अहम इसलिए भी है. इसके कई कारण है, इनमें प्रमुख कारण यह ही है कि पार्टी की सबसे मजबूत सीटों में से एक सीट है करहल. जाहिर है ऐसी सीट पर हार का मुंह पार्टी नहीं देखना चाहती है. बता दें कि साल 1993 से इस सीट पर अब तक किसी भी अन्य पार्टी को जीत नहीं मिली है. बीजेपी भी इस पर कई बार दांव लगा चुकी है. लेकिन हर बार हार का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस बार देखना दिलचस्प होगा कि क्या अब जनता अखिलेश की पार्टी सपा पर विश्वास जताते हैं. या फिर बीजेपी की ओर रुख करने का नया फैसला लेते हैं.

कांग्रेस और BSP का हाल

बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से डॉक्टर अवनीश शाक्य को टिकट दिकर मैदान में उतारा है. पार्टी ने दलित वर्ग के वोटों को अपनी ओर खींचने का पूरा प्रयास किया है. यदी ऐसा करने में पार्टी सफल रहती है, तो तीन पार्टियों के बीच मुकाबले की टक्कर देखने मिल सकती है. वहीं बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस ने इस बार उपचुनाव न लड़ने का फैसला किया है. साथ ही सपा का समर्थन करने की बात कही है.

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