Greater Noida: तिहाड़ जेल का वार्डन चला रहा था नशे की फैक्ट्री, ड्रग्स सिंडिकेट का भंडाफोड़
दिल्ली एनसीआर में एक गुप्त मेथामफेटामाइन मैन्युफैक्चरिंग लैब का भंडाफोड़ हुआ है, जिसे दिल्ली के तिहाड़ जेल के वार्डन द्वारा चलाया जा रहा था. जिसमें 95 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किए गए हैं. साथ ही एसीटोन और लाल फॉस्फोरस जैसी सामग्री भी मिली है.

Greater Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के कसाना औद्योगिक क्षेत्र में एक उत्पादन केंद्र पर छापेमारी की गई है, जिसमें 95 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किए गए हैं. साथ ही एसीटोन और लाल फॉस्फोरस जैसी सामग्री भी मिली है. इस मामले में आरोपी व्यापारी का नाम तिहाड़ जेल के वार्डन के रूप में सामने आया है.
प्रांरभिक जांच में पता चला कि दिल्ली के व्यापारी जो छापेमारी के समय मौदूज था और तिहाड़ जेल के वार्डन ने अवैध फैक्ट्री स्थापित करने रसायनों को खरीद और मशीनरी के आयात में हमत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. कारोबारी को पहले डीआरआई द्वारा एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार किया गया था और तिहाड़ जेल में रखा गया था, जहां वह वार्डन से मिले और उनके साथी बन गए.
इस साल एनसीबी ने देश के कई राज्यों में गुप्त लैब्स का भंडाफोड़ किया है. एनसीपी ने स्थानीय पुलिस के लिए सिंथेटिक दवाओं के निर्माण और तस्करी के रुझानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा गुप्त लैब्स का पता लगाने की क्षमता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं.
अन्य आरोपियों द्वारा उत्पादन प्रक्रिया की निगरानी के लिए मुंबई के एक रसायनज्ञ को भी शामिल किया गया, जबकि गुणवत्ता परीक्षण दिल्ली में रहने वाले कार्टेल के सदस्य द्वारा किया गया. सभी चार संदिग्धों को 27 अक्टूबर को एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें आगे की जांच के लिए तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया. इसके बाद के ऑपरेशन में एक व्यवसायी के सहयोगी को राजौरी गार्डन से हिरासत में लिया गया.