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हरिद्वार के बाद बाराबंकी के औसानेश्वर महादेव मंदिर में करंट से मची भगदड़, दो श्रद्धालुओं की मौत, 29 घायल | Videos

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी स्थित औसानेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार पर बड़ा हादसा हो गया. आधी रात को जलाभिषेक के दौरान करंट फैलने से भगदड़ मच गई. हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 29 घायल हो गए. बताया जा रहा है कि बंदरों की वजह से बिजली का तार गिरा, जिससे मंदिर परिसर में करंट फैल गया.

हरिद्वार के बाद बाराबंकी के औसानेश्वर महादेव मंदिर में करंट से मची भगदड़, दो श्रद्धालुओं की मौत, 29 घायल | Videos
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( Image Source:  X/yadavsahabdeen )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 28 July 2025 8:10 AM IST

बाराबंकी के पौराणिक औसानेश्वर महादेव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार को आधी रात जलाभिषेक के दौरान अचानक करंट फैल गया. यह हादसा रविवार रात करीब 2 बजे हुआ जब भक्त बड़ी संख्या में मंदिर परिसर में मौजूद थे. तेज भीड़ और आस्था की उमंग के बीच जब बिजली का झटका परिसर में फैला, तो श्रद्धा के दृश्य अचानक चीख-पुकार और भगदड़ में बदल गए.

जैसे ही करंट फैला, पूरा मंदिर परिसर दहशत से भर गया. लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. इस भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 29 अन्य घायल हो गए. घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. रात में ही घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया और श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया.

बंदरों की हरकत से टूटा बिजली का तार

जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि हादसा एक अप्रत्याशित वजह से हुआ. कुछ बंदर मंदिर परिसर के ऊपर से गुज़र रही ओवरहेड बिजली लाइनों पर कूद गए थे. इससे एक तार टूटकर मंदिर के टिनशेड पर गिर गया. परिणामस्वरूप पूरे परिसर में करंट फैल गया और जलाभिषेक के बीच खड़े सैकड़ों लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई.

घायलों को पहुंचाया गया अस्पताल

हादसे की खबर मिलते ही प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. जिला प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिए. घायलों को हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज के स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा गया, जबकि गंभीर घायलों को बाराबंकी जिला अस्पताल रेफर किया गया. डीएम और एसपी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और बिजली व्यवस्था की जांच के आदेश दिए.

मनसा देवी की तरह एक और चेतावनी!

यह घटना हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की याद दिलाती है, जहां करंट की अफवाह से आठ श्रद्धालुओं की जान गई थी. बाराबंकी की घटना करंट की पुष्टि के साथ एक गंभीर संकेत है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान बिजली और सुरक्षा प्रबंधन में कितनी चूक हो रही है. दो दिनों में दो मंदिर हादसे, सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं.

450 साल पुराना मंदिर, लेकिन सुरक्षा नदारद

औसानेश्वर महादेव मंदिर कोई नया धार्मिक स्थल नहीं है. पुरातत्व विभाग के अनुसार यह मंदिर लगभग 450 वर्ष पुराना है और ढाई एकड़ में फैला हुआ है. सावन जैसे भारी भीड़ वाले अवसर पर भी यहां बिजली सुरक्षा जैसी मूलभूत व्यवस्था का अभाव साफ दिखाई दिया. इस हादसे ने यह उजागर कर दिया है कि आस्था की भीड़ को संभालने के लिए व्यवस्था को अब सिर्फ परंपरा पर नहीं छोड़ा जा सकता.

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